नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के अवैध टॉवरों को ढहाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अहम आदेश जारी किया. अदालत ने नोएडा (Noida) के सीईओ को 72 घंटे के भीतर सभी संबंधित एजेंसियों की बैठक बुलाने को कहा ताकि सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट (Emerald Court) के दोनों अवैध 40 मंजिला टावरों के गिराने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा सके. शीर्ष अदालत ने दो हफ्ते के भीतर दोनों टॉवर गिराने करने का आदेश दिया है.
उच्चतम न्यायालय ने अवैध रूप से बनाए गए 40 मंजिलों वाले दो टॉवरों को गिराने के लिए फाइनल प्लान बनाने और तोड़फोड़ करने की टाइमलाइन तैयार करने के लिए नोएडा के सीईओ को 72 घंटे में गेल (Gail) समेत सभी विभागों के अफसरों के साथ मीटिंग करने के आदेश दिए हैं.
पिछली सुनवाई में दोनों टावरों को गिराने के लिए नोएडा अथॉरिटी द्वारा प्रस्तावित कंपनी को सुप्रीम कोर्ट ने मंज़ूरी दी थी. बिल्डर और अफसरों के बीच भ्रष्ट आचरण के इस गड़बड़झाले की प्राधिकरण की ओर से अलग से विभागीय जांच हो रही है. यह पहले की जांच से अलग है. इसमें कोर्ट के हर बिंदु पर उठाए गए सवाल के आधार पर जांच शामिल है. जांच के बाद दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो रही है. जांच कर रहे जिम्मेदारों ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद एमराल्ड कोर्ट मामले की जांच शुरू कर दी गई है. एसीईओ की कमेटी इस मामले की जांच कर रही है. जांच रिपोर्ट जल्द मिलेगी. इसे शासन को भेजा जाएगा.
इन बिंदुओं पर आधारित है जांच :-
- क्या टावर-16 और 17 ग्रीन एरिया में खड़े किए गए?
- क्या दो टावरों के बीच की दूरी का मानक स्तर पर ख्याल नहीं किया गया?
- क्या आरडब्ल्यूए को जानबूझकर आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया?
- क्या अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो देने में नियमों का उल्लंघन किया गया?
- क्या इमारत की ऊंचाई नियमों के खिलाफ बढ़ाई गई?
- आरडब्ल्यूए के मांगने पर नक्शे क्यों नहीं उपलब्ध कराए गए?
- क्या बिल्डिंग प्लान सैंक्शन होने से पहले निर्माण कार्य शुरू किया गया?