नोएडा की बहुचर्चित इमारत ट्विन टॉवर्स को जल्द गिरा दिया जाएगा. सुपरटेक ने 14 जनवरी को मैसर्स एडिफिस मुंबई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद ट्विन टॉवर्स को गिराने के लिए लेटर ऑफ अवॉर्ड जारी किया है. सुपरटेक के नोएडा की 93A में स्थित एमराल्ड कोर्ट ट्विन टॉवर्स (Emerald Court Twin Towers) को गिराने के लिए एनओसी का इंतजार है.
सुपरटेक के अध्यक्ष आर के अरोड़ा ने कहा है कि नोएडा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ट्विन टॉवर्स को गिराने के लिए हमने 14 जनवरी को मैसर्स एडिफिस मुंबई को लेटर ऑफ अवॉर्ड जारी किया है. नोएडा के साथ-साथ सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार एजेंसी मैसर्स एडिफिस टॉवर्स को सुरक्षित रूप से गिराने में तकनीकी रूप से सक्षम है. एजेंसी ने कुछ एनओसी मांगी हैं, जिसे हमने इस साइट पर काम शुरू करने के लिए ASAP की व्यवस्था करने के लिए नोएडा प्राधिकरण को भेज दिया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट (Supertech Twin Towers) के दो 40 मंजिला आवासीय टॉवर्स को गिराने का आदेश दिया है. अदालत ने माना है कि नोएडा प्राधिकरण ने मिलीभगत से बिल्डर को ट्विन टॉवर्स के निर्माण की मंजूरी दी थी.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश बरकरार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अवैध 40 मंजिला टॉवर्स को गिराने और जिम्मेदार बिल्डर के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा था. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की बेंच ने सुपरटेक बिल्डरों द्वारा बनाए गए एमराल्ड कोर्ट में ट्विन टॉवर्स से जुड़े मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2014 के फैसले को बरकरार रखा. ट्विन टॉवर्स में 915 फ्लैट और दुकानें हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा ?
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि टी-16 और टी-17 के निर्माण के लिए नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) द्वारा 26 नवंबर 2009 और 2 मार्च 2012 को दी गई मंजूरी एनबीआर (न्यू ओखला औद्योगिक विकास क्षेत्र भवन विनियम और निर्देश) 2006, एनबीआर 2010 के तहत इमारतों के बीच न्यूनतम दूरी नहीं रखी गई. नियम का उल्लंघन किया गया है.