scorecardresearch
 

नोएडा में कोरोना का खौफ, अस्थिकलश लेने शवदाह गृह नहीं जा रहे लोग, भर गए लॉकर

दाह संस्कार के बाद परिजन अस्थियां लेने के लिए शवदाह गृह नहीं जा रहे हैं. इस वजह से अस्थियां रखने के लिए बने लॉकर भर गए हैं. शवदाह गृह में अब खाली जगह पर अस्थि कलश रखे जा रहे हैं.

Advertisement
X
नोएडा के सेक्टर 94 स्थित अंतिम निवास शवदाह गृह के लॉकर में रखे अस्थि कलश
नोएडा के सेक्टर 94 स्थित अंतिम निवास शवदाह गृह के लॉकर में रखे अस्थि कलश
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लॉकर भरने के बाद बाहर रखे जा रहे अस्थि कलश
  • हर रोज अंत्येष्टि के लिए पहुंच रहे 70 से 90 शव

कोरोना वायरस की महामारी देशभर में कहर बरपा रही है. कोरोना संक्रमितों की तादाद के साथ ही मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में इस महामारी का खौफ इतना बढ़ गया है कि दाह संस्कार के बाद परिजन अस्थियां लेने के लिए शवदाह गृह नहीं जा रहे हैं. इस वजह से अस्थियां रखने के लिए बने लॉकर भर गए हैं. शवदाह गृह में अब खाली जगह पर अस्थि कलश रखे जा रहे हैं.

अस्थि कलश पर सब का अलग-अलग नंबर डाला जा रहा है, ताकि बाद में जब परिजन उसे लेने आएं तो ज्यादा दिक्कत न हो. नोएडा के सेक्टर 94 स्थित अंतिम निवास शवदाह गृह में अस्थि कलश से लॉकर भर गया है. दरसल कोरोना के कारण परिजन यहां डर के मारे अस्थियां लेने नहीं आ रहे हैं. इस कारण इन अस्थियों को लॉकर में रखा गया है. अंतिम निवास का संचालन करने वाली एनजीओ के पदाधिकारियों ने बताया कि यहां अस्थियां रखने के लिए 163 लॉकर उपलब्ध हैं लेकिन इस समय सभी भरे हुए हैं.

अंतिम निवास का संचालन करने वाली एनजीओ के पदाधिकारियों ने बताया कि करीब 150 अस्थि कलश बाहर रखे हुए हैं. सबको पहचान का नंबर देते हुए अलग-अलग कमरों में व्यवस्थित तरीके से रखा गया है. इस समय अंतिम निवास में ही 300 से अधिक अस्थि कलश रखे हुए हैं जिन्हें लेने परिजन नहीं आए. रोजाना 70 से 90 शव का दाह संस्कार किया जा रहा है.

Advertisement

अंतिम निवास का संचालन करने वाली एनजीओ के पदाधिकारियों ने आगे बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में अब तक सैकड़ों शवों का अंतिम संस्कार यहां किया जा चुका है. शवो की संख्या लगातर बढ़ रही है. दरअसल अप्रैल महीने में गौतमबुद्ध नगर जिले में कोरोना की वजह से मौत के आंकड़ों में तेजी से इजाफा हुआ है. पिछले 10 दिन में करीब 900 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है. पूरे अप्रैल महीने की बात करें तो 1200 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया गया है.

इससे पहले फरवरी और मार्च के महीने में रोजाना 10 से 12 शवों का दाह संस्कार किया जा रहा था लेकिन अप्रैल के आखिरी हफ्ते तक संख्या में बहुत ज्यादा उछाल आया है. अब हर दिन 70 से 90 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. पहले कोरोना से संक्रमितों के शव की अंत्येष्टि सिर्फ सीएनजी मशीन से हो रही थी लेकिन अब शवों की ज्यादा संख्या के कारण लकड़ी से भी चिता जलाई जा रही है. दरअसल, सीएनजी मशीन के जरिए दाह संस्कार के बाद सिर्फ दो घंटे बाद ही अस्थियां मिल जाती हैं. लकड़ी से अंत्येष्टि की स्थिति में रिवाज के मुताबिक लोग अगले दिन या दूसरे दिन अस्थियां लेने आते हैं लेकिन कोरोना के डर के कारण परिजन अस्थियां लेने नहीं आ रहे.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement