लखनऊ पुलिस ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को फोन पर कथित रूप से धमकी देने के मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को आज एक बार फिर क्लीन चिट दे दी. लखनऊ पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह की अदालत में इस मामले में अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करते हुए अदालत से अपील में कहा कि वह शिकायतकर्ता आईपीएस अफसर ठाकुर के खिलाफ मुलायम के विरुद्ध 'झूठी' एफआईआर दर्ज कराने के आरोप में कार्रवाई का आदेश दे.
अब माना जा रहा है कि अमिताभ ठाकुर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. अगर आरोप सही पाए गए तो उन्हें छह महीने की कैद और एक हजार रुपये जुर्माने की सजा हो सकती है.
अदालत ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 नवंबर की तारीख तय की है. इससे पहले, बाजार खाला के पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार यादव ने अदालत में अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि जांच में इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि मुलायम ने आईपीएस अफसर ठाकुर को धमकाया था.
क्या है मामला
अमिताभ ठाकुर ने 10 जुलाई 2015 को हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उन्हें फोन पर धमकी दी. पुलिस ने इस मामले में पहली बार अक्टूबर 2015 में फाइनल रिपोर्ट लगाई थी लेकिन ठाकुर ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे चुनौती दी थी.
इसके बाद अदालत ने 20 अगस्त 2016 को इस अंतिम रिपोर्ट को खारिज करते हुए पुलिस को मामले की आगे जांच करने के आदेश दिए थे. पुलिस ने मुलायम की आवाज का नमूना लेने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया था. हालांकि बाद में उन्होंने स्वीकार किया था कि कॉल रिकॉर्डिंग में उन्हीं की आवाज है. मुलायम ने कहा था कि उन्होंने एक बुजुर्ग होने के नाते ठाकुर से बात की थी और उनका इरादा उन्हें धमकाने का नहीं था.