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सपा प्रमुख मुलायम ने की संसद में अंग्रेजी में भाषण पर रोक लगाने की वकालत

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने देश में अन्य दलों के नेताओं पर हिन्दी के प्रति दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाते हुए संसद में अंग्रेजी में भाषण देने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

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मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने देश में अन्य दलों के नेताओं पर हिन्दी के प्रति दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाते हुए संसद में अंग्रेजी में भाषण देने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

मुलायम सिंह यादव ने इटावा हिन्दी सेवा निधि न्यास द्वारा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में योगदान करने वाले 14 लोगों को पुरस्कृत करने के सिलसिले में आयोजित 21वें सारस्वत समारोह में कहा, ‘देश के बाकी नेताओं का हिन्दी के प्रति दोहरा चरित्र है. वे जनता से वोट तो हिन्दी बोलकर मांगते हैं, लेकिन संसद में अंग्रेजी में ही बात करते हैं. इस दोहरे चरित्र से हिन्दी का उत्थान कैसे होगा.’

उन्होंने कहा, ‘संसद में अंग्रेजी भाषणों पर रोक लगनी चाहिए. जिन देशों ने अपनी मातृभाषा को सरकारी कामकाज की भाषा बनाया, उन्होंने ज्यादा तरक्की की है. दूसरे देशों में हिन्दी के प्रति रुझान बढ़ रहा है, जबकि हिन्दुस्तानी लोग इससे दूर हो रहे हैं.’ हालांकि यादव ने कहा कि वे अंग्रेजी के विरोधी नहीं हैं, लेकिन उन्हें महसूस होता है कि देश के राजनेता अपनी जनभाषा यानी हिन्दी को ही तवज्जो दें, ताकि संसद में उनकी बात देश की गरीब और पिछड़ी जनता को भी समझ में आए.

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सपा प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में उन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग में अंग्रेजी की अनिवार्यता को समाप्त किया और विधानसभा में हिन्दी भाषा का चलन बढ़ाने के कदम उठाए.

समारोह के मुख्य अतिथि कर्नाटक के राज्यपाल निखिल कुमार ने इस मौके पर कहा कि हिन्दी भाषा का प्रयोग राष्ट्र की एकता के लिए जरूरी है. उन्होंने मंच पर बैठे कई जजों और राजनेताओं से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में हिन्दी के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दें.

इस मौके पर मशहूर फिल्म निर्माता तिग्मांशु धूलिया समेत 14 हस्तियों को हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया गया.

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