scorecardresearch
 

मेरठ: मेडिकल कॉलेज पर लापरवाही का आरोप लगाने वाले लैब टेक्नीशियन की कोरोना से मौत

कुछ दिन पहले एक लैब टेक्नीशियन ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उनकी तरफ से स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए गए थे. वीडियो में वे कहते नजर आ रहे थे कि उनका ट्रीटमेंट ठीक नहीं हो रहा है.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो- Reuters)
प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो- Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लैब टेक्नीशियन की कोरोना से मौत
  • मेडिकल कॉलेज पर लगाया था लापरवाही का आरोप
  • कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

मेरठ में एक लैब टेक्नीशियन की कोरोना से मौत के पहले का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो मेडिकल कॉलेज पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे. अब उसी लैब टेक्नीशियन की कोरोना के चलते मौत हो गई, जिसके बाद उनके साथी कर्मचारियों ने सीएमओ ऑफिस पर धरना दिया. जब मामले ने तूल पकड़ा तो मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल की तरफ से भी सफाई पेश की गई.

लैब टेक्नीशियन की कोरोना से मौत

कुछ दिन पहले एक लैब टेक्नीशियन ने एक वीडियो शेयर किया था जिसमें उनकी तरफ से स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए गए थे. वीडियो में वो कहते नजर आ रहे थे कि उनका ट्रीटमेंट ठीक नहीं हो रहा है. वो ये भी कह रहे थे कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है. उन्होंने इस बात पर दुख जाहिर किया था कि जब एक हेल्थ वर्कर के तौर पर उनके साथ ऐसा सलूक हो रहा है तो दूसरों के साथ क्या व्यवहार होता होगा. लैब टेक्नीशियन ने वीडियो में कहा था कि जो भी आता है बस पल्स रेट चेक करके चला जाता है. 

श्रद्धांजलि सभा का आयोजन 

लैब टेक्नीशियन अंशुल की कोरोना से मौत के बाद अब उनके साथियों ने सीएमओ ऑफिस के सामने ही श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया और धरना दिया. कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि वो डीएम को ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाएंगे.

Advertisement

कर्मचारियों का कहना है कि लैब टेक्नीशियन बीमारी में भी लगातार काम कर रहे थे जिसकी वजह से वे और ज्यादा बीमार होते चले गए और अब उनकी मौत हो गई. कर्मचारियों की मानें तो उनके आने का टाइम तो होता है लेकिन जाने का टाइम नहीं होता है. कर्मचारियों ने मांग की है कि अंशुल के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाए. 

इस विवाद पर मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर ज्ञानेन्द्र का कहना है कि समय से लैब टेक्नीशियन को दवाइयां मिल रही थीं. कोविड का इलाज दिया जा रहा था. इंजेक्शन भी लगाया जा रहा था. उन्होंने किसी भी लापरवाही से साफ इनकार कर दिया है. वहीं मेरठ के सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन का कहना है कि उन्होंने भी वीडियो देखा है और इसकी जांच की जाएगी. जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Advertisement
Advertisement