मेरठ में एक शख्स अपने भाई की मौत के बाद उसकी लाश के साथ करीब 25 दिनों तक सोता रहा. वह शख्स बुरी तरह डिप्रेशन का शिकार है.
अकेलेपन की वजह से डिप्रेशन और फिर मानसिक अवस्था बिगड़ जाने की यह दिल दहला देने वाली घटना शनिवार रात को हुई. मेरठ के शास्त्रीनगर की पॉश कालोनी में दो भाई साथ रहते थे. इनमें से एक की मौत लगभग बीस से पच्चीस दिन पहले हो गई. लेकिन छोटा भाई लाश के साथ ही सोता रहा. उसने घर को अंदर से बंद कर लिया. भयंकर बदबू उठने पर पड़ोसियों ने रात में 100 नंबर पर पुलिस को सूचना दी.
पुलिस ने दरवाजा बहुत खटखटाया, पर उस शख्स ने नहीं खोला. पुलिस को दरवाजा तोड़ना पड़ा, इसको लेकर वह पुलिसकर्मियों से भिड़ गया. उसने लाश ले जाने का खासा विरोध किया. लाश को देखकर पुलिस अधिकारियों के भी होश उड़ गए. लाश इतनी सड़-गल चुकी थी कि वहां एक मिनट भी गुजारना मुश्किल था. पैर गलकर अलग हो चुके थे, लेकिन फिर भी छोटा भाई इसी लाश के साथ सोता रहा.
मृतक डॉक्टर का नाम हरीश बगई था और छोटे भाई का नाम पता नहीं चल सका. उसने पुलिस को कुछ नहीं बताया. पड़ोसियों ने जो जानकारी दी, उतनी ही जानकारी पुलिस के पास है. पुलिस का भी मानना है कि लाश कम से कम बीस दिन पुरानी है. बताया जा रहा है कि इन दोनों की दिमागी हालत ठीक नहीं थी. एक भाई तो सड़क से पॉलिथीन चुनता रहता था.
मेरठ के सिटी एसपी ओम प्रकाश सिंह ने कहा, 'लाश तकरीबन 20 दिन पुरानी है, जो पूरी तरह से गल चुकी थी. उनके भाई की मानसिक अवस्था ठीक नहीं है, वो कुछ बता नहीं पा रहा है. पता चला है कि इनकी बहन भी कुछ दिनों पहले साथ रहती थी. उसकी भी मौत हो गई थी. उसकी लाश भी कई दिनों तक यहीं पड़ी रही थी.'
पड़ोसी बृजेश कुमार ने कहा, 'ये दोनों भाई इस कॉलोनी में सबसे पहले आए थे...साल 1975 में. डॉक्टर साहब, जिनकी मौत हुई, वे कॉलोनी में पॉलिथीन चुनते रहते थे.'
पुलिस ने भी कहा है कि इनके घर में कम से कम एक ट्रक पॉलिथीन पड़ी होंगी. बहरहाल, यह घटना सन्न कर देने वाली है.