scorecardresearch
 

नरेंद्र गिरि के षोडसी भंडारे में जुटेंगे 10 हजार से ज्यादा संत, खर्च होंगे एक करोड़ रुपये

नरेंद्र गिरि के षोडशी भंडारे में हरिद्वार के गुर्दड अखाड़ा को भी विशेष न्योता भेजा गया है. ये गुर्दड अखाड़ा, निरंजनी अखाड़े का वो हिस्सा है जो षोडसी यानी सोलह संस्कारों का दान स्वीकार करते हैं. इस दान में महंत नरेंद्र गिरी को जो वस्तुएं पसंद थी उन सोलह वस्तुओं का दान उन लोगों को किया जाएगा जिन्होंने अपना पिंडदान किया हो. 

Advertisement
X
महंत नरेंद्र गिरी के लिए षोडसी भंडारा का आयोजन (फाइल फोटो)
महंत नरेंद्र गिरी के लिए षोडसी भंडारा का आयोजन (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महंत नरेंद्र गिरि के षोडसी भंडारे में जुटेगी भीड़
  • 10 हजार से ज्यादा संत होंगे भंडारे में जमा
  • षोडशी भंडारे में बनेगी महंत नरेंद्र गिरि की पसंदीदा चीजें

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि के पांच अक्टूबर को होने वाले षोडशी भंडारे में दस हज़ार से ज्यादा साधु-संतों के जुटने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके लिए सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारियों साधु संतों को न्योता भेजा गया है. इसके साथ महंत नरेंद्र गिरी के देश भर के अनुयाई भी मठ में प्रसाद ग्रहण करने आएंगे. इस कार्यक्रम का न्योता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम को भी भेजा गया है. इसी दिन उत्तराधिकारी बनाए गए बलवीर गिरी की चादरपोशी का भी कार्यक्रम रखा गया है. इस पूरे कार्यक्रम में करीब एक करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसका खर्च मठ से ही उठाया जाएगा. 

इस षोडशी भंडारे में हरिद्वार के गुर्दड अखाड़ा को भी विशेष न्योता भेजा गया है. ये गुर्दड अखाड़ा, निरंजनी अखाड़े का वो हिस्सा है जो षोडसी यानी सोलह संस्कारों का दान स्वीकार करते हैं. इस दान में महंत नरेंद्र गिरी को जो वस्तुएं पसंद थी उन सोलह वस्तुओं का दान उन लोगों को किया जाएगा जिन्होंने अपना पिंडदान किया हो. 

और पढ़ें- महंत नरेंद्र गिरि के करीबी रहे ये IPS अफसर, अपनी सर्विस का 18 साल से ज्यादा का वक्त प्रयागराज में गुजारा

इस षोडशी भंडारे में महंत नरेंद्र गिरि की पसंदीदा चीजें बनवाई जाएंगी. महंत नरेंद्र गिरि को दूध की खीर बहुत पसंद थी. इसलिए विशेष रूप से वो खीर जरूर बनवाई जाएगी. पनीर की सब्जी होगी, दाल होगी और वह तमाम चीजें होंगी जो महंत नरेंद्र गिरी को बेहद पसंद थी. यह सब भोजन बनाने के लिए सौ से ज्यादा हलवाई काम पर लगाए जाएंगे. जो 10 हज़ार से ज्यादा मेहमानों के लिए भोजन तैयार करेंगे.

Advertisement

गृहस्थ जीवन में किसी की मृत्यु के बाद तेरहवीं मनाई जाती है. वैसे संतो के प्राण त्यागने पर षोडसी यानी सोलह दिन बाद संस्कार किया जाता है और मरने वाले संत को जो पसंदीदा चीजे होती हैं उनका दान किया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से संबंधित व्यक्ति को 16 संस्कारो से मुक्ति मिलती है.  

Advertisement
Advertisement