अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि के पांच अक्टूबर को होने वाले षोडशी भंडारे में दस हज़ार से ज्यादा साधु-संतों के जुटने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके लिए सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारियों साधु संतों को न्योता भेजा गया है. इसके साथ महंत नरेंद्र गिरी के देश भर के अनुयाई भी मठ में प्रसाद ग्रहण करने आएंगे. इस कार्यक्रम का न्योता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम को भी भेजा गया है. इसी दिन उत्तराधिकारी बनाए गए बलवीर गिरी की चादरपोशी का भी कार्यक्रम रखा गया है. इस पूरे कार्यक्रम में करीब एक करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसका खर्च मठ से ही उठाया जाएगा.
इस षोडशी भंडारे में हरिद्वार के गुर्दड अखाड़ा को भी विशेष न्योता भेजा गया है. ये गुर्दड अखाड़ा, निरंजनी अखाड़े का वो हिस्सा है जो षोडसी यानी सोलह संस्कारों का दान स्वीकार करते हैं. इस दान में महंत नरेंद्र गिरी को जो वस्तुएं पसंद थी उन सोलह वस्तुओं का दान उन लोगों को किया जाएगा जिन्होंने अपना पिंडदान किया हो.
इस षोडशी भंडारे में महंत नरेंद्र गिरि की पसंदीदा चीजें बनवाई जाएंगी. महंत नरेंद्र गिरि को दूध की खीर बहुत पसंद थी. इसलिए विशेष रूप से वो खीर जरूर बनवाई जाएगी. पनीर की सब्जी होगी, दाल होगी और वह तमाम चीजें होंगी जो महंत नरेंद्र गिरी को बेहद पसंद थी. यह सब भोजन बनाने के लिए सौ से ज्यादा हलवाई काम पर लगाए जाएंगे. जो 10 हज़ार से ज्यादा मेहमानों के लिए भोजन तैयार करेंगे.
गृहस्थ जीवन में किसी की मृत्यु के बाद तेरहवीं मनाई जाती है. वैसे संतो के प्राण त्यागने पर षोडसी यानी सोलह दिन बाद संस्कार किया जाता है और मरने वाले संत को जो पसंदीदा चीजे होती हैं उनका दान किया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से संबंधित व्यक्ति को 16 संस्कारो से मुक्ति मिलती है.