उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लुलु मॉल में नमाज अदा करने से संबंधित मामले की जांच कर रही पुलिस की सबसे बड़ी चुनौती नमाज अदा करने वाले लड़कों की पहचान है. लुलु मॉल के सीसीटीवी और अन्य सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार लड़के दो गुट में मॉल के अंदर आए थे.
सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर नमाज अदा करने की कोशिश की, जहां सिक्योरिटी गार्ड ने उनको रोका तो वह दूसरी मंजिल के कोने में खाली जगह पर नमाज अदा करने लगे. नमाज अदा करने का वीडियो बनाकर वो फिर से दो गुट में बंटकर वापस पैदल ही मॉल से बाहर चले गए. लड़कों ने लुलु मॉल से भी कुछ नहीं खरीदा.
इस पूरे मामले की जांच कर रही टीम को लीड करने वाले एडिशनल डीसीपी राजेश श्रीवास्तव ने आजतक से बातचीत में साफ कहा कि हम सीसीटीवी के सहारे नमाज अदा करने वाले लड़कों की पहचान करने में लगे हैं. कुछ अहम सुराग हमारे पास है. जल्द इनकी शिनाख्त होने के बाद गिरफ्तारी की जाएगी.
लुलु मॉल में जिन लोगों ने मोबाइल के अंदर नमाज अदा कर वीडियो बनाया था, उनको नमाज अदा करने क नियम कायदे भी नहीं पता था. नमाज किस दिशा में होनी है? नमाज को अलग करने वाले इमाम और बाकी नमाजियों का किस ओर बैठना है? वे तमाम जानकारियां वायरल वीडियो में नमाज पढ़ रहे लड़कों को नहीं थी.
वायरल वीडियो देखने के बाद मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सूफियान निजामी का कहना है कि कोई भी नमाज कम से कम 4 से 5 मिनट में ही अदा की जा सकती है. इससे कम वक्त में अदा की गई नमाज कुबूल नहीं होगी. वहीं दूसरी तरफ हिंदुस्तान या एशियाई महाद्वीप में सभी इस्लाम को मानने वाले पश्चिम दिशा में खड़े होकर ही नमाज अदा करते हैं.
मौलाना सूफी निजामी वायरल वीडियो को देखने के बाद साफ कहते हैं कि वीडियो में दिखाई दे रहे लड़के नमाज अदा करने के लिए नहीं किसी और साजिश के तहत अंदर आए थे. वे सिर्फ नमाज का वीडियो बनाने के उद्देश्य से आए थे, नमाज पढ़ने नहीं. यह लुलु मॉल को बदनाम करने की साजिश है.