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कौशांबीः सर्जरी के बाद पेट में नहीं लगाए टांके, बच्ची की मौत पर अस्पताल ने दी सफाई

तीन साल की बच्ची के निजी अस्पताल के बाहर शुक्रवार को दम तोड़ने की अमानवीय घटना ने हर किसी को हिला दिया. इस बच्ची का शनिवार को कौशांबी में पोस्टमार्टम किया गया. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है.

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बच्ची की मौत के बाद गेट पर बैठे परिजन
बच्ची की मौत के बाद गेट पर बैठे परिजन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज
  • अस्पताल ने घरवालों के आरोपों को किया खारिज
  • SP ने अस्पताल को सीज करने की मांग की

प्रयागराज तीन साल की बच्ची की निजी अस्पताल के बाहर शुक्रवार को दम तोड़ने की अमानवीय घटना ने हर किसी को हिला दिया है. इस बच्ची का शनिवार को कौशांबी में पोस्टमार्टम किया गया. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है. बच्ची के घरवालों का आरोप है कि पैसों के चक्कर में बच्ची का ठीक से इलाज नहीं किया गया. वहीं अस्पताल प्रबंधन ने ऐसे सभी आरोपों को खारिज किया है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी नेता रिचा सिंह ने बच्ची के परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा और अस्पताल को सीज करने की मांग की है.  

कौशांबी की पिपरी पुलिस ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया है. बता दें कि प्रयागराज के जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी इस घटना की जांच के निर्देश एडीएम सिटी अशोक कुमार कनौजिया और सीएमओ डॉक्टर प्रभाकर राय को पहले ही दे चुके हैं. 

अभी इस टीम की ओर से जिला प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी जानी बाकी है.  

क्या थी घटना? 

शुक्रवार सुबह प्रयागराज के रावतपुर स्थित यूनाइटेड मेडीसिटी हॉस्पिटल के गेट पर तीन साल की बच्ची खुशी मिश्रा ने दम तोड़ दिया. बच्ची के पिता मुकेश मिश्रा करेली के करेहंदा के रहने वाले हैं. बच्ची के घरवालों का आरोप है कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद पेट में टांके नहीं लगाए और उसे दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. अस्पताल के बाहर भीड़ बढ़ती देख कई थानों की पुलिस के साथ सीओ चायल भी मौके पर पहुंचे. वहां बच्ची के घरवालों को समझा-बुझा कर उसके पेट के घाव पर अस्पताल के कंपाउंडर से टांका लगवाया गया. उसके बाद बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. 

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शनिवार को तीन डाक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच बच्ची के शव का पोस्टमार्टम किया. कौशांबी के जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह के मुताबिक घरवालों के कहने पर तीन डॉक्टरों के पैनल से बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के बाद बच्ची के शव को लेकर उसके परिजन घर लौट गए.  

प्राइवेट अस्पताल ने क्या दी सफाई? 

प्राइवेट अस्पताल प्रबंधन की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस घटना पर सफाई दी गई. अस्पताल के डायरेक्टर डॉ प्रमोद कुमार के मुताबिक बच्ची का सही तरीके से इलाज किया गया और हालत बिगड़ने पर उसे चिल्ड्रन अस्पताल रेफर किया गया. अस्पताल प्रबंधन की ओर से ये दावा भी किया गया कि बच्ची की मौत के बाद घरवाले उसके शव को लेकर अस्पताल के गेट पर पहुंचे थे. डायरेक्टर ने अस्पताल गेट के बाहर बच्ची के पेट में घाव में टांका लगाए जाने को लेकर कहा कि पुलिसकर्मियों के अनुरोध पर अस्पताल के कंपाउंडर ने टांका लगाया था, जिससे शव को पोस्टमार्टम के लिए आसानी से भेजा गया. 

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी प्रयागराज के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है. इस पूरे प्रकरण पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी की नेता रिचा सिंह ने मृतक बच्ची के परिजनों को 20 लाख मुआवजा दिए जाने की मांग की है. रिचा सिंह का यह भी कहना है कि इस तरह की अमानवीयता बरतने वाले अस्पताल को सीज किया जाना चाहिए. रिचा सिंह ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह अस्पताल को समय देकर पूरे मामले में लीपापोती कर रहा है.

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