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कानपुर: सपा नेता ने प्लानिंग के तहत मथुरा से खरीदी थी कार, नाम भी ट्रांसफर नहीं कराया था

मामले में अंकुर समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि तीन अन्य संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. अब तक की पूछताछ में कानपुर पुलिस को यकीन हो चुका है कि घटना चुनावी माहौल को खराब करने और बीजेपी के प्रति लोगों में नाराजगी पैदा करने की प्लानिंग का हिस्सा थी.

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घटनास्थल से बरामद कार.
घटनास्थल से बरामद कार.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मथुरा निवासी के नाम पर रजिस्टर्ड है कार
  • कार खरीदने के बाद नाम ट्रांसफर नहीं कराया था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कानपुर दौरे के दौरान भाजपा का झंडा लगे कार में तोड़फोड़ के मामले में नया खुलासा हुआ है. आरोपियों में शामिल कार का मालिक (वर्तमान) अंकुर पटेल समाजवादी पार्टी में पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का सचिव रहा है. उसने मथुरा के राधा रमन सिंह से कार खरीदी थी. इसके बाद उसने नाम ट्रांसफर नहीं कराया था. गुरुवार को कोर्ट में पेशी के दौरान अंकुर पटेल ने आजतक को बताया कि कार मेरी नहीं थी, जांच करा लीजिए.

दरअसल, मामले में अंकुर समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि तीन अन्य संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. अब तक की पूछताछ में कानपुर पुलिस को यकीन हो चुका है कि घटना चुनावी माहौल को खराब करने और बीजेपी के प्रति लोगों में नाराजगी पैदा करने की प्लानिंग का हिस्सा थी. 

जान-बूझकर कराई थी कार में तोड़फोड़
बताया जा रहा है कि अंकुर पटेल ने कार में जान-बूझकर तोड़फोड़ कराई थी. इस दौरान उसने वीडियो को मोबाइल में रिकार्ड कर लिया और वायरल कर दिया. उधर, मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने मौके से मिली सफेद रंग की ऑल्टो  कार की जांच पड़ताल की तो पता चला कि कार मथुरा के राधा रमन सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है. जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि पड़ताल में पता चला कि अंकुर पटेल ने प्लानिंग के तहत ऑनलाइन वेबसाइट से कार खरीदी थी, लेकिन कार को अपने नाम पर ट्रांसफर नहीं कराया था. सिर्फ 10 रुपए के स्टांप पेपर पर साइन कर कार लेकर आ गया था.

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पुलिस को शक है कि अंकुर पटेल ने घटना को अंजाम देने के लिए यह कार खरीदी थी ताकि पकड़ा जाए तो कार के रजिस्ट्रेशन से उसका नाम ना आए. फिलहाल पुलिस टीम कार मालिक राधा रमन सिंह से संपर्क करने में जुटी है. आला अधिकारी का कहना है कि अभी इस मामले में कुछ और आरोपियों की गिरफ्तारी होना बाकी है जब सभी आरोपी गिरफ्तार होंगे, सभी को रिमांड पर लेकर पूछताछ होगी तब इस घटना की मंशा से पर्दा उठेगा कि आखिर इस घटना को करने के पीछे इरादा क्या था?

 

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