उत्तर प्रदेश के कानपुर में बवाल के बाद अब माहौल शांत हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता हर्षित श्रीवास्तव के बाद एक और स्थानीय युवक ने माहौल खराब करने की कोशिश की. इसका नाम तुषार शुक्ला है, जिसे कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल बुधवार को गोविन्द नगर इलाके में रेहड़ी पटरी पर दुकान लगाने वाले एक अल्पसंख्यक समुदाय के व्यापारी को तुषार शुक्ला ने धर्म पूछ कर अपमानित किया और दुकान लगाने से भगा दिया. इतना ही नहीं आखिर में तुषार ने उससे जबर्दस्ती जयश्रीराम भी कहलाया.
इस पूरी घटना का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस भी एक्शन में आ गई. गोविन्द नगर में एफआईआर लिखकर आरोपी तुषार शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने तुषार की गिरफ्तारी का फोटो भी ट्विटर हैंडल से जारी की. इससे पहले कानपुर पुलिस ने बीजेपी नेता हर्षित श्रीवास्तव को विवादित धार्मिक टिप्पणी के बाद गिरफ्तार किया था.
तुषार शुक्ला नामक व्यक्ति का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसके सम्बन्ध में थाना गोविन्द नगर में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर अभियुक्त तुषार उपरोक्त को गिरफ्तार कर लिया गया है। pic.twitter.com/rKPmwliU6i
— POLICE COMMISSIONERATE KANPUR NAGAR (@kanpurnagarpol) June 8, 2022
कानपुर पुलिस के मुताबिक, आरोपी का नाम हर्षित श्रीवास्तव है और वह बीजेपी के फ्रंटल संगठन युवा मोर्चा में मंत्री है. मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि हर्षित ने पोस्ट के जरिए गलत टिप्पणी की थी, इसलिए उसको गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि किसी को सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की छूट नहीं है.
बता दें कि नूपुर शर्मा ने विवादित बयान दिया था. उनके समर्थन में दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रभारी नवीन कुमार जिंदल ने भी ट्वीट किए थे. मामला बढ़ने पर पार्टी ने नूपुर को सस्पेंड कर दिया, जबकि जिंदल को 6 साल के लिए बाहर कर दिया है.
बीजेपी नेताओं की इस बयानबाजी पर कई मुस्लिमों देशों ने भी आपत्ति जताई है. इस विवाद के बाद बीजेपी ने यूपी में अपने प्रवक्ताओं पर लगाम कसी है. बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं से कानपुर हिंसा और नूपुर शर्मा के मामले पर बयान न देने के लिए कहा है. बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं से कहा है कि वे संवेदनशील मामले पर बोलते समय ध्यान रखें.