वाराणसी में बीजेपी के टिकट पर MLC का चुनाव लड़ रहे डॉ. सुदामा सिंह पटेल ने एक बार फिर बृजेश सिंह पर चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भले ही बृजेश सिंह वाराणसी के सेंट्रल जेल में बंद हों लेकिन वह साम-दाम-दंड-भेद कुछ भी अपना सकते हैं. उनके लिए कुछ भी संभव है. उन्होंने कहा कि हम लोग तो अपने मतदाताओं से प्यार से वोट मांग सकते हैं, जबकि बृजेश सिंह 25-25 हजार रुपये में वोट खरीद रहे हैं.
उन्होंने बताया, "आपराधिक प्रवृति के लोग कुछ भी कर सकते हैं, उसका कुछ आकलन नहीं किया जा सकता है. वह चिट्ठी भिजवा सकते हैं, जनप्रतिनिधि मतदाता को भी डरा सकते हैं, पैसा-धमकी भी दे सकते हैं." उन्होंने दावा कि उनके चुनाव में जनता ने मूड बना लिया है, इसलिए मुकाबला किसी से नहीं होगा, सीधे जीत उन्हीं की होगी.
डॉ. सुदामा ने दावा किया कि अब कार्यकर्ता उनके साथ हैं. सभी जरूरी ब्लॉक स्तर तक की बैठकें हो गई हैं. पूरी तैयारी हो गई है. पार्टी ने आश्वस्त किया है कि बाहुबली से डरना नहीं है. एक स्वच्छ सरकार के निर्माण में बृजेश सिंह जैसे लोगों के मिथक को तोड़ना है, जो जेल में बैठकर बाहुबल और धनबल के जरिए पैसे बांटकर जीत जाते हैं. ऐसे लोगों को हटाने के लिए बीडीसी और प्रधानों ने कमर कस ली है.
बाहुबल से डरने वालों से मेरी नाराजगी
बीजेपी प्रत्याशी ने साफ किया कि उनकी नाराजगी पार्टी से नहीं थी, बल्कि उन लोगों से थी जो लोग बाहुबल से डरते हैं. उन्होंने कहा कि बाहुबल से डरते रहेंगे तो अपराध हमेशा जीतता रहेगा. यही डर लोगों के दिलों से हटाना था. लोगों तक संदेश जाए कि जब डॉ. सुदामा पटेल अपनी हत्या से या बाहुबल से नहीं डर रहे हैं, तो लोगों को उनका साथ देना चाहिए.
बृजेश सिंह से सीधी धमकी नहीं मिली
डॉ. सुदामा ने खुद को बृजेश सिंह की ओर से मिलने वाली धमकियों के सवाल पर कहा कि उन्हें सीधी धमकी नहीं मिली है, लेकिन बृजेश सिंह के लोग कहते जरूर थे कि याद रखा जाएगा. याद रखने का मतलब क्या है?
पिछले हफ्ते भी लगाया था आरोप
एक हफ्ते पहले भी डॉ. सुदामा ने अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर सवाल खड़े कर दिए थे. उन्होंने कहा था कि बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह के निर्दल उम्मीदवार के तौर पर मैदान में खड़े हो जाने से उनके कार्यकर्ता डर गए हैं और साइलेंट हो चुके हैं.
'बीजेपी कार्यकर्ता को छूने की किसी में हिम्मत नहीं'
डॉ. सुदामा ने बताया कि बृजेश सिंह के मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी कहा था, जिस पर उन्होंने निडर होकर चुनाव लड़ने को कहा है. सीएम योगी ने आश्वासन दिया कि किसी अपराधी कि इतनी भी हिम्मत नहीं है कि बीजेपी के कार्यकर्ता को छू भी ले.
27 सीटों पर मतदान
यूपी में एमएलसी की 36 सीटें खाली हुई थीं लेकिन उनमें से 9 सीटों पर पहले ही भाजपा का कब्जा हो चुका है यानी इन सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी निर्विरोध चुने जा चुके हैं. अब केवल 27 सीटों पर मतदान होना है. 9 अप्रैल को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक वोट डाले जाएंगे. 12 अप्रैल को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे.