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बलात्‍कारी ससुर से मुआवजा लेने से बहू का इनकार

आठ वर्ष पहले बलात्कार का शिकार हुई इमराना ने अपने ससुर की ओर से अदालत में जमा की गई मुआवजा राशि स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा है कि वह अपने सम्मान से समझौता नहीं करेगी.

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ससुर ने किया बहू से बलात्‍कार
ससुर ने किया बहू से बलात्‍कार

आठ वर्ष पहले बलात्कार का शिकार हुई इमराना ने अपने ससुर की ओर से अदालत में जमा की गई मुआवजा राशि स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा है कि वह अपने सम्मान से समझौता नहीं करेगी. इमराना के ससुर अली मोहम्मद को एक स्थानीय अदालत ने उसके बलात्कार का दोषी ठहराया था.

इमराना के वकील सीताराम वर्मा ने कहा कि वह मोहम्मद की ओर से जमा की गई मुआवजा राशि पर दावा पेश नहीं करना चाहती.

वर्मा ने कहा कि एक स्थानीय अदालत ने मोहम्मद को दोषी ठहराते हुए उस पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था और उसे मुआवज़े के रूप में इमराना को 8,000 रुपये देने का आदेश दिया था. उसने अप्रैल में अदालत में राशि जमा कर दी थी लेकिन इमराना ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 17 जुलाई को मोहम्मद की जमानत इस आधार पर मंजूर कर ली थी कि वह जून 2005 में गिरफ्तारी के बाद से पहले ही जेल में आठ वर्ष बिता चुका है.

जिला एवं सत्र अदालत ने 19 अक्टूबर 2006 में मोहम्मद को इमराना के बलात्कार का दोषी पाया था और उसे 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी.

छह जून 2005 में हुई यह घटना उस समय चर्चा में आई थी जब अल्पसंख्यक समुदाय पंचायत ने फरमान जारी किया था कि बलात्कार के बाद इमराना को अपने पति को अपना बेटा मानना होगा और उसका विवाह अमान्य हो जाएगा. पंचायत के इस आदेश के बावजूद इमराना ने कूकरा गांव में अपने पति नूर इलाही के साथ रहना जारी रखा था.

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