कल तक भयानक सूखे से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में जहां लोग चारे और घास कि रोटियां खाने को मजबूर थे, वहीं अब जबरदस्त बारिश ने किसानों को राहत दी है. सभी तालाब भर गए हैं. नदियों और बांधों में पानी भर गया, जिससे किसानों के चेहरों में चमक आ गई है क्योंकि 12 साल बाद जुलाई में इतना पानी बरसा है जिससे यहां बाढ़ के हालात बन गए हैं.
सूखे से कराह रहा बुंदेलखंड पानी-पानी हो गया है. किसानों का कहना है कि 12 साल बाद बुंदेलखंड में जुलाई में बाढ़ आई है. सभी नदियां बाढ़ में चल रही हैं. बांधों में इतना पानी भर गया है कि उनके फूटने का खतरा पैदा हो गया है. बुंदेलखंड में पिछले कई सालों से सूखा पड़ा हुआ था. प्रदेश सरकार ने यहां के सभी सातों जिलो बांदा, चित्रकूट, महोबा, जालौन, झांसी, ललितपुर और हमीरपुर को सूखा घोषित कर दिया था. भयानक सूखे से लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे थे.
सरकार ने खुदवाए थे 100 तालाब
मानसून की मेहरबानी से यूपी सरकार भी बेहद खुश है क्योंकि साल दर साल सूखे की मार झेलने वाले बुंदेलखंड में जल संरक्षण के लिये हाल ही में प्रदेश सरकार ने सभी प्रभावित जिलो में तीन सौ करोड रुपयों से 100 तालाब खुदवा दिए थे जो अब पानी से भर गए हैं. जिस वजह से भूजल स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है इस भारी बारिश से लोग बहुत खुश हैं.
एक दिन में रिकार्ड की गई 100 एमएम बारिश
बुंदेलखंड में सूखे और तबाही के चलते यहां के हर जिले से लाखों लोग रोजगार कि तलाश में महानगरों कि तरफ पलायन कर गये थे. अच्छी बारिश होने के बाद लोगों का वापस आना भी शुरू हो गया है. इस साल अच्छी बारिश हुई है तो बरसात के पानी को रोकने के भी खासे इंतजाम भी किए गए थे. नए खोदे गए 100 तालाबों में लबालब पानी भरा हुआ है जिससे इंसानों और जानवरों कि प्यास बुझ सकेगी.
ये है बारिश का हाल
अगर बारिश की बात करें तो हमीरपुर में एक ही दिन में 105 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी है. बांदा में 530.7 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है. बारिश सामान्य से 126 फीसदी अधिक हुई है. हमीरपुर में 265 एमएम, जालौन में 214 एमएम, झांसी में 223 एमएम और ललितपुर में 440 एमएम बारिश हुई है.
सभी नदियों के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी
भारी बारिश के चलते पूरे बुंदेलखंड में बाढ़ के हालात बन गए हैं. सभी प्रमुख नदियां यमुना, बेतवा, केन, मंदाकिनी, चंद्रावल का जल स्तर बढ़ा हुआ है. पुलिस-प्रशासन संभावित बाढ़ से निपटने के लिये तैयार है.
ललितपुर में रिकॉर्ड बारिश
ललितपुर जिले में पिछले दिनों करीब 500 mm बारिस रिकॉर्ड की गई. जिसकी वजह से जिले में स्थित गोविन्द सागर बांध, सजनम बांध, शहजाद बांध, जामनी, रोहणी, कचनोदा बांध करीब पूरी तरह से भर चुके हैं. साथ ही बेतवा नदी पर बने राजघाट और माताटीला बांध में लगातार बढ़ते दबाब के चलते करीब 16 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. जिलाधिकारी के मुताबिक, जिले में बारिश काफी राहत लेकर आई है. पिछले दो दिनों से बारिश रुकने की वजह से किसानों ने खेतों में बुआई भी कर ली है.
किसानों को हौसलों की नई उड़ान
अकेले बुंदेलखंड के बांदा में जुलाई के महीने में ही 550 मिलीमीटर से ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है. मौसम वैज्ञानिकों ने इस साल भले ही अच्छे मानसून के संकेत दिए थे, लेकिन निराशा के गर्त में जा चुके बुंदेलखंड के किसानों को उम्मीद नहीं थी इस साल अच्छी बारिश होगी, लेकिन अच्छी बारिश ने किसानों को हौसलों की नई उड़ान दे दी है.
सीएम ने की सरकार के काम की तारीफ
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 'सरकार लगातार काम कर रही है. एक समय जब सूखा था तो सब लोग चाहते थे कि पानी आए. हमने तालाब खोदे हैं. और मैं सोचता हुं कि तालाब में पानी बचेगा जो कहीं ना कहीं आने वाले समय में मददगार साबित होंगे.'
मौसम विभाग लखनऊ के निदेशक जेपी गुप्ता ने कहा कि इस साल बुंदेलखंड एरिया में अच्छी बारिश हुई है. हालांकि अब तक देखा जाए तो पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश हुई है. उसका एक मुख्य कारण रहा है कि एक सिस्टम मध्य प्रदेश का उत्तरी मध्य प्रदेश के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. जिससे बरसात हुई है.