इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. केंद्र व राज्य सरकार ने अदालत में हलफनामा दाखिल किया है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से आगे की कार्रवाई की जानकारी मांगी है. कोर्ट ने स्वदेशी वैक्सीन की कमी के चलते विदेशों से वैक्सीन मंगाने का सुझाव दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने रूसी टीका स्पूतनिक की खरीद पर केंद्र से जानकारी मांगी है.
वहीं मेरठ के सरकारी अस्पताल में 5 मौतों पर डीएम मेरठ ने कोर्ट में रिपोर्ट पेश की. डीएम मेरठ की रिपोर्ट पर कोर्ट संतुष्ट नहीं हुई, जिसके बाद कोर्ट ने बेहतर हलफनामा की मांग की है.
इसके अलावा कोर्ट ने लखनऊ में हर्ष हॉस्पिटल और सन हास्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी भी मांगी है. जानकारी के मुताबिक छापेमारी में इन अस्पतालों में ऑक्सीजन मिली थी. लेकिन मरीजों को ऑक्सीजन की कमी बताकर लौटाया जा रहा था.
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इसके अलावा स्टेट इलेक्शन कमीशन ने काउंटिंग के वीडियो फुटेज अदालत में पेश किए. पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, गाजियाबाद, मेरठ, गौतम बुद्ध नगर और आगरा जिलों के काउंटिंग सेंटर्स के सीसीटीवी फुटेज मांगे थे. इसपर कोर्ट ने फुटेज देखकर पूछा कि भीड़ रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए थे.
बताया जा रहा है कि जस्टिस वी के श्रीवास्तव पर राज्य सरकार ने रिपोर्ट पेश की. कोर्ट ने राज्य सरकार से इलाज पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. बता दें कि कोरोना संक्रमित जस्टिस वीके श्रीवास्तव का इलाज के दौरान निधन हुआ था. जस्टिस वी के श्रीवास्तव हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में कार्यरत थे.
जानकारी के मुताबिक अब मंगलवार 11 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई होगी. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच कोविड के मामले की मॉनिटरिंग कर रही है. जिसमें जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई.