वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर कोर्ट गुरुवार दोपहर बाद अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने से इनकार कर दिया. कोर्ट के फैसले के बाद महिला याचिकाकर्ताएं खुश दिखीं.
कोर्ट के फैसले के बाद तीन महिला याचिकाकर्ताओं ने आजतक से बातचीत की. तीनों महिलाओं ने कहा कि हमलोगों की बहुत बड़ी जीत हुई है. भव्य मंदिर बनेगा. महिला याचिकाकर्ताओं ने कहा कि मां श्रृंगार गौरी की जीत हुई है. तीनों याचिकार्ताओं ने कहा कि सच जो कई परतों में छिपा हुआ है वो सामने आएगा और जब सत्य सामने आएगा तो सभी को पता चल जाएगा कि आखिर क्या है?
एक अन्य महिला याचिकाकर्ता ने कहा कि जहां शिव रहेंगे वहां शक्ति भी रहेंगी. उन्होंने बताया कि आज सुबह से हमलोगों ने उपवास रखा था कि जब भी फैसला आएगा, उसके बाद ही कुछ खाएंगे-पिएंगे. अब हमलोग बहुत खुश हैं.
17 मई को सर्वे की अगली रिपोर्ट पेश करने का आदेश
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने से इनकार कर दिया. अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के अलावा विशाल कुमार सिंह और अजय सिंह को भी कोर्ट कमिश्नर बनाया है. यह दोनों लोग या दोनों में से कोई एक इस सर्वे के दौरान मौजूद रहेगा. साथ ही कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे 17 मई से पहले कराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने 17 मई को सर्वे की अगली रिपोर्ट देने के लिए कहा है.
ये भी पढ़ें- माता श्रृंगार गौरी और उनकी पूजा का क्या है महत्व, कैसे शुरू हुआ काशी में विवाद ?
वादी पक्ष के वकील ने बताया कि कोर्ट ने पूरे मस्जिद परिसर का सर्वे कराने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन को आदेश दिए गए हैं कि इस कार्रवाई को पूरा कराया जाए. जो भी लोग इसमें व्यवधान डालेंगे, उनपर कार्रवाई की जाए.
दरअसल, अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की तरफ से एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी. इस पर 3 दिन तक बहस चलने के बाद वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
5 महिलाओं ने दायर की है याचिका
बता दें कि 5 महिलाओं ने याचिका दायर कर श्रृंगार गौरी की रोज पूजा का अधिकार मांगा था. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद ज्ञानवापी के सर्वे का आदेश दिया था. साथ ही एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था. लेकिन सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद में हंगामा हो गया था. इसके बाद सर्वे नहीं हो पाया था.
ये भी पढ़ें