उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चर्चित अजीत सिंह हत्याकांड में आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत मिल गई है. जौनपुर के पांच साल पुराने मामले में धनंजय सिंह ने 25 हजार का इनाम घोषित होने के बाद सरेंडर किया था. प्रयागराज के स्पेशल एमपी, एमएलए कोर्ट से जमानत मिलते ही धनंजय सिंह को फतेहगढ़ जेल से रिहा कर दिया गया.
पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने बीते पांच मार्च को एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया था. चर्चित अजीत सिंह हत्याकांड में लखनऊ पुलिस को धनंजय सिंह की तलाश थी. धनंजय सिंह पर 25000 का इनाम तक घोषित कर दिया गया था. साल 2017 में जौनपुर के खुटहन थाने में दर्ज पुराने मामले में धनंजय सिंह ने सरेंडर किया, तो उसको गिरफ्तार कर नैनी जेल भेज दिया गया.
इसके बाद नैनी जेल जाते ही धनंजय सिंह ने जान को खतरा बताते हुए जेल ट्रांसफर की अर्जी दी. 11 मार्च को धनंजय सिंह का फतेहगढ़ जेल ट्रांसफर हो गया. 25 दिन जेल में रहने के बाद धनंजय सिंह को प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट से जमानत मिल गई, जिसके बाद धनंजय सिंह को फतेहगढ़ जेल से रिहा कर दिया गया.
बता दें कि धनंजय सिंह के जेल में रहने के दौरान लखनऊ पुलिस ने अजीत सिंह हत्याकांड में अपना वारंट दाखिल ही नहीं किया, जिसकी वजह से धनंजय सिंह ने जिस मामले में सरेंडर किया, उसमें जमानत मिल गई. वारंट दाखिल न करने पर पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर का कहना है कि यह विवेचक और विवेचना का विषय है. फिलहाल इस मामले की समीक्षा की जाएगी.
27 साल की उम्र में बने विधायक
2002 के विधानसभा चुनाव में महज 27 साल की उम्र में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा पहुंच सबको चौंका देने वाले धनंजय सिंह 2007 में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर विधायक चुने गए थे. इसके बाद में वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. बसपा के टिकट पर 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा और धनंजय ने जीत दर्ज कर संसद में जौनपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.