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फिरोजाबाद हिंसा में एक और शख्स की मौत, मरने वालों की संख्या हुई 7

यूपी के फिरोजाबाद में 20 दिसंबर को हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 7 हो गई है. आज तड़के एक और घायल शख्स अबरार की इलाज के दौरान मौत हो गई. अबरार के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया है. अबरार की उम्र 28 साल है और वो फिरोजाबाद के मसरूफ गंज का रहने वाला है.

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नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में हुए थे विरोध प्रदर्शन (फाइल फोटो-PTI)
नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में हुए थे विरोध प्रदर्शन (फाइल फोटो-PTI)

  • फिरोजाबाद हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर हुई 7
  • हिंसा में घायल एक शख्स की मौत, पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव

यूपी के फिरोजाबाद में 20 दिसंबर को हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 7 हो गई है. आज तड़के एक और घायल शख्स अबरार की इलाज के दौरान मौत हो गई. अबरार के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया है. अबरार की उम्र 28 साल है और वो फिरोजाबाद के मसरूफ गंज का रहने वाला है.

दरअसल फिरोजाबाद में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की थी और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले छोड़े गए और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा गया.

पश्चिमी यूपी के ही गाजियाबाद में भी इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुआ और नारेबाजी की गई. इसके अलावा हापुड़ में भी आंसूगैस के गोले छोड़े गए थे. इसमें कुछ प्रदर्शनकारी घायल भी हुए थे.

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पुलिस को भी लगी थी गोली

प्रदर्शनों के दौरान ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी को सीने में गोली लगी थी. गोली उसकी बुलेट फ्रूफ जैकेट को चीरती हुई अंदर चली गई. लेकिन ये गोली पुलिसकर्मी की शर्ट की पॉकेट में रखे पर्स में फंस गई थी.  दरअसल, फिरोजाबाद में कांस्टबेल बिजेन्द्र कुमार CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी पर तैनात थे. इस दौरान उन्होंने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखी थी .

इस दौरान उन्होंने अपना पर्स शर्ट की पॉकेट में रखा था. तभी उन्हें सीने पर गोली लगी. गोली की रफ्तार इतनी तेज थी कि उनकी बुलेट प्रूफ जैकेट फट गई, इसके बाद बुलेट प्रुफ जैकेट के नीचे पहनी गई शर्ट भी फट गई और गोली शर्ट के पॉकेट में रखे पर्स में जाकर फंस गई.

कांग्रेसी ने मृतकों के परिजनों से की थी मुलाकात

इससे पहले 4 जनवरी को राष्ट्रीय प्रवक्ता राशिद अल्वी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल फिरोजाबाद पहुंचा था. कांग्रेस नेताओं ने यहां मृतकों के परिजनों से मुलाकात की थी. कांग्रेस नेताओं का कार्यक्रम पूरी तरह गोपनीय था. इसकी भनक न ही पुलिस को लगी और न ही कांग्रेस के जिलाध्यक्ष को.

जिला प्रशासन एहतियातन तौर पर किसी बड़े नेता को फिरोजाबाद आने नहीं दे रहा है . इसलिए ये नेता चुपचाप वहां गए और प्रियंका गांधी का संदेश देकर वापस लौट गए.

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(फिरोजाबाद से सुधीर शर्मा की रिपोर्ट)

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