यूपी में फिरोजाबाद के हुमायूंपुर मोहल्ले में 75 वर्ष के साधु कृष्णा नंद सरस्वती ने अपने गुरु अचित्तानंद के नाम से एक आश्रम बना रखा है. इस आश्रम की कीमत अब करोड़ों में है. इस आश्रम के बाहर दुकानें बनी हुई हैं. इन दुकानों का किराया आश्रम को जाता है. इस आश्रम को भू-माफिया हड़पना चाहते हैं. इस कारण नगर निगम से साधु का दो बार मृत्यु प्रमाण तक बनवा दिया.
भू-माफिया ने षड्यंत्र रचकर साधु का पहली बार 4 नवंबर 2011 में मृत्यु सर्टिफिकेट बनवा दिया था. जैसे ही साधु को इस बारे में जानकारी हुई तो साधु ने नगर निगम अधिकारियों से जानकारी दी. साल 2018 में साधु पक्ष ने प्रार्थना पत्र दिया, जिसकी जांच की गई और 8 जून 2018 को इनका मृत्यु प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया.
भू-माफिया के हौसले इतने बुलंद रहे कि उन्होंने फिर 1 नवंबर 2021 को साधु को मृत दर्शाते हुए नगर निगम से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया. भू-माफिया साधु को मृत दिखाकर किसी भी तरह इस आश्रम की जमीन हड़पना चाहते हैं. साधु कृष्णा नंद के अनुसार, उनकी अनुपस्थिति में भू-माफिया ने मूर्तियों को तोड़कर जगह भी समतल कर दी.
साधु कृष्णा नंद को जब दोबारा मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने के बारे में पता चला तो वे स्थानीय लोगों को लेकर नगर निगम दफ्तर पहुंचे. साधु ने अधिकारियों को अपने मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाए और कहा कि वह जिंदा हैं. अधिकारियों ने साधु को जांच कराने का आश्वासन दिया है.
खुद के जीवित होने का दिया प्रमाण पत्र
दरअसल, आश्रम में 22 दुकानें बनी हुई हैं. इन सभी दुकानों को किराए पर उठाया गया .है. लंबे समय से आश्रम पर भू-माफिया की नजर है. आश्रम को हड़पने के लिए वे कई तरह के षड्यंत्र रचते रहते हैं. साधु के जिंदा होते हुए भी दो बार उनकी मृत्यु का प्रमाण पत्र बन गया. इससे पूर्व हुई जांच में 3 सभासदों ने भी साधु के जीवित होने का प्रमाण पत्र दिया था.
नगर निगम के सभासद जिनमें अशोक राठौर, फूल माला राठौर तथा रविंद्र सिंह ने साधु कृष्णानंद के जीवित होने का प्रमाण पत्र दिया था और कहा था कि महात्मा को वे 25 वर्षों से जानते हैं. नगर आयुक्त ने इस पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.
कृष्णानंद स्वामी ने कहा कि उनका मृत्यु का प्रमाण पत्र कुछ लोगों ने नगर निगम से बनवा दिया है. पहले भी बन चुका है. कुछ लोग आश्रम पर कब्जा करना चाहते हैं. मुझे जान से मारना चाहते हैं. कई बार प्रशासन से शिकायत की है. नगर आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा कि यह प्रकरण काफी पुराना है. मेरे संज्ञान में आया है. मैंने इस पर जांच कमेटी बैठा दी है. जैसे ही उसका निर्णय आएगा, इस पर कार्रवाई की जाएगी.