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कफील खान के ऊपर से केस खत्म हुआ या नहीं? UP पुलिस ने बताया सच

एएमयू में छात्रों के बीच भड़काऊ बयान देने के आरोपों में फंसे डॉ कफील खान को हाई कोर्ट से राहत मिल गई है, लेकिन सवाल है कि क्या उनके ऊपर से केस हट गया है? इसका जवाब आज उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिया.

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डॉक्टर कफील खान (फाइल फोटो)
डॉक्टर कफील खान (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कफील खान को कल ही मिली है राहत
  • UP पुलिस ने केस खत्म होने पर दिया जवाब

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित डॉक्टर कफील खान के ऊपर केस खत्म नहीं हुआ है. अलीगढ़ पुलिस ने साफ किया कि केस अभी चल रहा है, सोशल मीडिया में केस खत्म करने की जानकारी भ्रामक है. अलीगढ़ पुलिस ने कहा कि कफील के खिलाफ मुकदमा रद्द नहीं हुआ है, अभियोजन की स्वीकृति मिल चुकी है.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित भड़काऊ बयान देने के मामले में डॉ. कफील खान के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल गई है. इस मामले में सिविल लाइन क्षेत्र के डीएसपी श्वेताभ पांडे ने बताया कि सोशल मीडिया में जो खबरें चल रही है वह उचित नहीं है, डॉ कफील का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, इलाहाबाद हाई कोर्ट से जो आदेश आया है, उसके अनुसार स्वीकृति सहित कोर्ट में पुनः संज्ञान कराया जाएगा.

क्या है पूरा मामला

एएमयू में छात्रों के बीच भड़काऊ बयान देने के आरोपों में फंसे डॉ कफील खान को हाई कोर्ट से राहत मिल गई है, लेकिन पुलिस को मई में ही डॉक्टर कफील के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल चुकी है, इस बात की पुष्टि डीएसपी श्वेताभ पांडे ने की.

डॉ. कफील खान के न्यायालय में हाजिर न होने के कारण मुकदमे में चार्ज फ्रेम नहीं हुआ है और न ही मुकदमें का ट्रायल शुरू हो सका है, डॉ कफील 12 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्रों के बीच आए थे और उसके बाद सीएए-एनआरसी का आंदोलन उग्र हो गया था. पुलिस का मानना है कि उनके भाषण से ही माहौल बिगड़ गया.

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इस मामले में थाना सिविल लाइन में उनके भड़काऊ भाषण को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया और 30 जनवरी को यूपी एसटीएफ ने डॉक्टर कफील को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. डॉ. कफील पर 153(a),153(b),109, 505(2) आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. अलीगढ़ प्रशासन ने डॉ. कफील पर रासुका लगा दी.

हालांकि बाद में हाई कोर्ट ने रासुका को रद्द कर दिया, जिसके बाद डॉक्टर कफील जेल से रिहा हुए थे. इस मामले में डॉ कफील ने रिहा होने के बाद थाना सिविल लाइन में दर्ज मुकदमें और चार्जशीट को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें अनुरोध किया था कि बिना अभियोजन स्वीकृति के यह मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. 

हालांकि हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी को स्वीकार कर लिया है. वहीं जिला पुलिस का कहना है कि मई माह में ही अभियोजन की स्वीकृति मिल चुकी है. बताया जा रहा है कि पुलिस की तकनीकी प्रक्रिया की खामियों का लाभ डॉक्टर कफील को मिला है.

सिविल लाइन डीएसपी श्वेताभ पांडे ने बताया कि सोशल मीडिया पर खबर है कि डॉ. कफील के खिलाफ 2019 में दर्ज मामला हाई कोर्ट द्वारा क्वैश कर दिया गया है. डीएसपी के अनुसार डॉ कफील मामले में कोई भी मुकदमा क्वैश नहीं किया गया है, अब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष वैधानिक कार्यवाही और न्यायिक प्रक्रिया के लिए पुनः प्रस्तुत किया जाएगा.

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