scorecardresearch
 

लॉकडाउन के बीच बाघ ने पीलीभीत में एक सप्ताह में 4 लोगों को बनाया शिकार

लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में बाघों के हमले एक बार फिर से बढ़ गए हैं. पिछले एक सप्ताह में पीलीभीत के जंगलों में बाघों ने चार इंसानों की जान ले ली. हालांकि, वन विभाग की टीम दो हाथियों की मदद से बाघों को जंगल में भगाने का काम कर रही है.

Advertisement
X
पीलीभीत में टाइगर ने चार लोगों को बना चुका शिकार
पीलीभीत में टाइगर ने चार लोगों को बना चुका शिकार

  • लॉकडाउन के बीच टाइगर रिजर्व के बाघ कर रहे लोगों पर हमले
  • वन विभाग हाथियों के जरिए टाइगरों को वापस भेज रहा जंगल

कोरोना संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के बीच जंगल के इलाके में बाघों की चहलकदमी इंसानी रिहायश की ओर बढ़ने लगी है, जिसका खामियाजा अब इंसानों को उठाना पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में बाघों के हमले एक बार फिर से बढ़ गए हैं. पिछले एक सप्ताह में पीलीभीत के जंगलों में बाघों ने चार इंसानों की जान ले ली है. हालांकि, वन विभाग की टीम दो हाथियों की मदद से गांवों के आसपास जंगल के इलाकों में कॉम्बिंग कर रही है.

बाघ के हमले में शुक्रवार सुबह तड़के ही दो लोग शिकार हुए हैं. ग्राम पंचायत रिछौला और मड़रियां गांव के लोगों को टाइगर ने अपना निवाला बनाया. बताया जा रहा है कि एक किसान था और दूसरा उसका हेल्पर था. दोनों खेतों में खड़ी गेहूं की फसल की रखवाली करने गए थे और बाघ ने उनके ऊपर हमला बोल दिया. पीलीभीत में टाइगर के हमले से ग्रामीणों में भय बढ़ता जा रहा है.

Advertisement

बाघ के हमले के शिकार किसान का सिर धड़ से गायब था. घने खेतों के बीच किसान का सिर मिला. पुलिस ने दोनों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

बीते सोमवार शाम को गजरौला क्षेत्र के माला रेंज में भी टाइगर ने हमला किया था. माला कालोनी के निवासी अचल रॉय अपने खेत गए थे. इस दौरान बाघ ने उन पर हमला कर दिया,जिससे उनकी मौत ही गई. बाघ एक किसान की लाश खींचकर ले जा रहा था, लेकिन लोगों ने शोर मचाया तो वह लाश छोड़कर भाग गया. इससे पहले माला कालोनी की ही रमुनि देवी को भी बाघ ने अपना शिकार बना लिया था.

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

स्थानीय निवासी अशोक कुमार ने बताया कि टाइगरों की वजह से कई गांव के लोग डरे हुए हैं. एक महिला और एक युवक को बाघ शिकार बना चुका है. लॉकडाउन में कही नहीं जा सकते, जिस युवक को टाइगर ने हमला करके मार दिया, वह सब्जी लेने गया था. हालात ये हो गई है कि हम अपने खेत भी नहीं जा रहे हैं.

कोरोना संक्रमण के साथ-साथ टाइगरों ने भी पीलीभीत इलाके में लॉकडाउन कर रखा है. लॉकडाउन के चलते लोगों का घरों से निकलना और आना-जाना बंद है. ऐसे में एक दो लोग अगर गांव से निकलते हैं तो टाइगर उन्हें अपना शिकार बना ले रहे हैं. शहर में कोरोना ने लॉकडाउन कर रखा है तो गांव में टाइगरों के चलते पूरी तरह से लॉकडाउन है.

Advertisement

कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...

पीलीभीत के डीएफओ नवीन अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन के बीच पीलीभीत को इस बड़ी समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. पूरा प्रशासन लॉकडाउन में लगा है, ऐसे में बाघों से लोगों को बचाने की पूरी जिम्मेदारी हाथियों के ऊपर है. इन हाथियों की मदद से बाघों को वापस जंगल में भगाने के लिए कॉम्बिंग कर रहे हैं. हमने जगह-जगह बैरियर और कैमरे लगाए हैं, जिनसे बाघों की निगरानी कर रहे हैं.

Advertisement
Advertisement