वृंदावन में रह रही विधवाओं को अब अपना गुजर-बसर करने को लिए किसी पर आश्रित रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने यूपी सरकार के सहयोग से यहां 'स्वाधार गृह' नामक एक अनोखे प्रोजेक्ट की शुरुआत की है.
प्रोजेक्ट की खासियत
साढ़े तीन एकड़ में बन रहे इस घर में एक हजार विधवाओं के रहने की व्यवस्था की गई है. देश में सरकार की ओर से बन रहा यह अब तक का सबसे बड़ा घर है. अच्छी बात ये है कि यहां न केवल विधवाओं के रहने और खाने की पूरी व्यवस्था होगी बलिक उन्हें 24 घंटे की मेडिकल सुविधा भी दी जाएगी. इस प्रोजक्ट में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने को लिए वोकेशनल कोर्स की भी शुरुआत की जाएगी. तीन फ्लोर के इस घर में विकलांग विधवाओं के लिए रैम्प की भी व्यवस्था की जा रही है.
वोकेशनल कोर्स की ट्रेनिंग के बारे में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा, 'महिलाओं को उनको मुताबिक इच्छानुसार ट्रेनिंग दी जाएगी और किसी के लिए भी ये सीखना अनिवार्य नहीं होगा.'
एक जगह मिलेंगी सारी सुविधाएं
इस प्रोजेक्ट को इस प्रकार का रूप देने की कोशिश की जा रही है कि यहां आने वाली विधवाओं को अपने घर जैसा अहसास हो. उनकी पूजा के लिए यहां पर एक बड़ा मंदिर बनाने का प्रावधान है. फलों के पेड़ खासतौर पर जामुन और आम के पेड़ लगाए जा रहे हैं. साथ ही नीम और पूजा करने के लिए पीपल के पेड़ भी बड़ी संख्या में लगाए जा रहे हैं. मेनका गांधी ने कहा, 'मकसद यही है कि महिलाओं को कहीं जाने की जरुरत न पड़े. उनकी इच्छा और जरूरत का सारा सामान यहीं उपलबध होगा.'
जल्द बनकर तैयार हो जाएगा घर
57 करोड़ की लागत से बनने वाले इस घर में 24 घंटे डॉक्टर और चिकित्सा सेवा रहे, इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है. मंत्रालय का दावा है कि इसे अक्टूबर महीने तक पूरा कर लिया जाएगा.