बसपा संस्थापक कांशीराम की मंगलवार को 12वीं पुण्यतिथि के मौके पर मायावती अपने खोए हुए जनाधार को वापस लाने और परंपरागत दलित वोटबैंक को साधने की कवायद शुरू कर रही हैं. प्रदेश के सभी 18 मंडलों में बसपा हजारों की भीड़ एकजुट कर शक्ति प्रदर्शन करेगी. 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी का ये कार्यक्रम काफी अहम माना जा रहा है.
प्रदेश के सभी मंडल में बड़ा कार्यक्रम
लोकसभा चुनाव की तैयारी को देखते हुए यह कार्यक्रम काफी अहम माना जा रहा है. प्रत्येक जोनल कोऑर्डिनेटर को अपने मंडल से 20 से 25 हजार पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने का बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा ने निर्देश दिया है.
प्रदेश के सभी 18 मंडलों में बसपा कार्यक्रम करके पार्टी संस्थापक कांशीराम का गुणगान करेगी. हर एक संसदीय क्षेत्र से कम से कम पांच हजार पार्टी कार्यकर्ताओं को इकट्ठा करने और जिले से 10 हजार भीड़ जुटाने का लक्ष्य पार्टी कॉर्डिनेटरों को सौंपा गया है.
इस लिहाज से हर एक मंडल में 20 से 25 हजार पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा जिन राज्यों में चुनाव होने हैं. वहां भी बसपा कार्यक्रम करेगी.
बता दें कि बसपा के संस्थापक कांशीराम का निधन 9 अक्टूबर, 2006 को हुआ था. बसपा अध्यक्ष मायावती उनकी याद में करीब हर साल लखनऊ में एक बड़ी रैली करती रही आ रही हैं.
मौजूदा समय में बसपा के एक भी सांसद नहीं है. जबकि इससे पहले पार्टी के पास 21 सांसद थे. 2017 के विधानसभा चुनाव बसपा का पूरी तरह से सफाया हो गया था. महज 19 विधायक की जीत सके थे, लेकिन राज्य के हुए उपचुनाव में बीजेपी को मिली हार के बाद से बदले समीकरण में एक बार फिर बसपा की राजनीतिक अहमियत बढ़ी है.
माना जा रहा है कि बसपा 2019 में यूपी में सपा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतर सकती है. हालांकि मायावती ने खुद ही कहा है कि अगर सम्मानजनक सीटें मिलेंगी तभी वह गठबंधन करेंगी.