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मिल बैठकर विवाद सुलझाने पर अयोध्या में धमगुरुओं की ये है राय...

धर्मगुरू वेदांती जी ने इस मुद्दे पर कहा कि पहले भी कोर्ट से बाहर बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की गई है, लेकिन इस पर सफलता नहीं पाई जा सकी.

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SC के फैसले से खुश हैं साधु-संत
SC के फैसले से खुश हैं साधु-संत

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राम मंदिर मामले को कोर्ट के बाहर ही बातचीत से सुलझाने का निर्देश देने के बाद एक बार फिर यह मुद्दा राजनीति के केंद्र में आ गया है. कोर्ट ने कहा है कि अगर बातचीत से हल नहीं निकलता है तो कोर्ट मध्यस्थता के लिए तैयार है. कोर्ट के इस फैसले पर अयोध्या के साधु संतों ने खुशी जताई है और उन्होंने कहा है कि दूसरे पक्ष से बातचीत करने को तैयार हैं.

फैसले पर क्या बोले संत?
धर्मगुरू वेदांती जी ने इस मुद्दे पर कहा कि पहले भी कोर्ट से बाहर बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की गई है, लेकिन इस पर सफलता नहीं पाई जा सकी. लेकिन बाबरी मस्जिद कमेटी ने उसी स्थान पर बाबरी मस्जिद बनाने की बात की थी, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता था. संतों के अनुसार, जहां पर राम लला का जन्म हुआ है, मंदिर वहीं बनना चाहिए.

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एक बार फिर से मिले मौका
वहीं संत सुरेश दास का कहना है कि पहले भी बातचीत से हल नहीं निकला है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद एक बार फिर से मौका देना चाहिए. अगर बातचीत से हल नहीं निकलता है तो कोर्ट जाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है, राज्यसभा में भी बहुमत है और अब राज्य में भी बीजेपी की सरकार है अगर ये चाहें तो कानून बनाकर मंदिर का निर्माण किया जा सकता है.

मानवता का संदेश जाएगा
वहीं अयोध्या में धर्मगुरू राजेंद्र दास ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण से संपूर्ण विश्व में मानवता का संदेश जाएगा. उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि आम सहमति से इस मुद्दे का हल निकलता, सभी लोगों को एकसाथ मिल बैठकर सुलझाना चाहिए. धर्मगुरू बोले कि उम्मीद है कि मुस्लिम वर्ग के लोग भी इस मुद्दे पर उदारता दिखाते हुए मुद्दे का हल निकालने में मदद करेंगे.

हिंदू संगठनों ने भी किया स्वागत
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का सभी हिंदू संगठनों ने भी स्वागत किया है. विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों पक्षों को आगे बढ़ कर बात करनी चाहिए.

मानेंगे धर्म संसद की बात
वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दत्तात्रेय होसबोले ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद कहा था कि इसको लेकर धर्मसंसद जो भी फैसला करेगी वह उन्हें मंजूर होगा.

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गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मसले पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि दोनों पक्ष कोर्ट के बाहर ही आपस में बातचीत के द्वारा इस मुद्दे को सुलझा लें, अगर जरुरत पड़ती है तो कोर्ट मामले में दखल देगा. वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यूपी सरकार इस मुद्दे पर हर संभव मदद देने के लिए तैयार है.

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