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गर्भगृह से 150 मीटर दूर बुलेट प्रूफ मंदिर में विराजेंगे रामलला, फाइबर से बनेगा अस्थाई मंदिर

भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण से पहले उन्हें गर्भगृह से शिफ्ट करने की तैयारी है ताकि उस स्थान पर मुख्य मंदिर का निर्माण शुरू हो सके. यही वजह से अस्थाई तौर पर रामलला का एक मंदिर तैयार किया जाएगा जिसे पूजा-अर्चना और दर्शनों के लिए खोला जा सके.

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रामलला के अस्थाई मंदिर का मॉडल
रामलला के अस्थाई मंदिर का मॉडल

  • अस्थाई मंदिर में विराजेंगे रामलला
  • फायबर से तैयार होगा मेकशिफ्ट मंदिर
  • गर्भगृह से अलग होंगे रामलला

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण से पहले उनके अस्थाई मंदिर के निर्माण का फैसला किया गया है ताकि भक्तगण उनके दर्शन कर सकें. कानूनी उलझनों की वजह से अब तक रामलला टेंट में विराजमान थे लेकिन सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद अयोध्या में मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया. इस मंदिर के निर्माण में वक्त लगेगा यही वजह है कि तब तक के लिए मेक शिफ्ट मंदिर में रामलला की प्रतिमा को पूजा-अर्चना और दर्शनों के लिए विराजमान किया जाएगा.

निर्माण की तारीख का ऐलान बाकी

जानकारी के मुताबिक इस अस्थाई मंदिर का खाका तैयार हो चुका है और गर्भ गृह से करीब 150 मीटर की दूरी पर मानस भवन के करीब मेकशिफ्ट मंदिर बनाया जाएगा. यह मंदिर पूरी तरह बुलेटप्रूफ हो सकता है और इसे फाइबर से तैयार किया जाएगा. अस्थाई मंदिर के निर्माण का फैसला हो चुका है लेकिन निर्माण कब से शुरू होगा इसकी तारीख फिलहाल तय नहीं है.

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक बुधवार को दिल्ली में हुई जिसमें रामलला को टेंट से बाहर लाने का फैसला लगभग हो चुका है और अब उनके विराजने के इंतजाम किए जा रहे हैं. गर्भगृह से बाहर आकर रामलला भव्य मंदिर में दशर्नों के लिए विराजेंगे लेकिन उस मंदिर के निर्माण से पहले एक मेकशिफ्ट मंदिर बनाया जाएगा ताकि आम लोग वहां पूजा-अर्चना कर श्रीराम के दर्शन कर सकें.

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गृभगृह से बाहर आएंगे रामलला

रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने आज तक से खास बातचीत में बताया कि इस वक्त जहां रामलला विराजमान हैं, वह गर्भगृह है, लेकिन मंदिर निर्माण के लिए उस जगह को खाली करना होगा. रामलला को जल्द ही अपने स्थान से करीब 150 मीटर दूर मानस मंदिर के पास ले जाया जाएगा, जहां अस्थाई तौर पर मंदिर बनाया जाएगा और जब तक राम लला का मंदिर बनकर तैयार नहीं होता तब तक उनकी पूजा-अर्चना वहीं होगी. कुछ दिन पहले ही आर्किटेक्ट और इंजीनियरों ने गर्भ गृह के इलाके का दौरा किया था.

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