
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू होने के बाद होने जा रहे पहले दीपोत्सव में सामाजिक सरोकार की भव्य छटा बिखरी दिखेगी. भव्य दीपोत्सव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे. इससे पहले साकेत महाविद्यालय से भगवान राम के जीवन पर आधारित ग्यारह रथों को एक साथ निकाला जाएगा.
अयोध्या में शुक्रवार को दीपोत्सव का कार्यक्रम में सुबह 10 बजे साकेत महाविद्यालय से भगवान राम के जीवन पर आधारित ग्यारह रथों को निकाला जाएगा. इन रथों पर भगवान राम के जीवन पर आधारित अलग-अलग तरह की प्रदर्शनी लगाई गई हैं. ये रथ साकेत महाविद्यालय से नया घाट राम की पैड़ी तक जाएंगे.
#WATCH: Ram Ki Paidi illuminated for ‘Deepotsav’ to be held in Ayodhya, on the occasion of #Diwali. pic.twitter.com/WjUeBbWhfC
— ANI UP (@ANINewsUP) November 12, 2020
सीएम योगी आदित्यनाथ दोपहर 3 बजे अयोध्या पहुंचेंगे. फिर वह राम जन्मभूमि स्थल जाएंगे, जहां वह पहले दर्शन करेंगे फिर दीप प्रज्वलित करेंगे. जन्मभूमि स्थल पर शुक्रवार को 11,000 दीए जलाए जाएंगे. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल राम कथा पार्क में पहुंचेंगे.

शाम 4 बजे राम-सीता, लक्ष्मण और हनुमान को हेलिकॉप्टर से राम कथा पार्क में उतारा जाएगा जहां पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत करेंगे और माल्यार्पण करेंगे.
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फिर 5 बजे राम कथा पार्क में स्थित मंच पर सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान को लाएंगे, जहां पर भरत मिलाप और राजगद्दी का कार्यक्रम होगा. शाम करीब 5:30 बजे सीएम आदित्यनाथ का संबोधन भी होगा.
Aerial visuals of preparations that are underway at Ayodhya for ‘Deepotsav’ to be held on the occasion of #Diwali. pic.twitter.com/kNaBkkbb6w
— ANI UP (@ANINewsUP) November 12, 2020
संबोधन के बाद राम कथा पार्क से शाम 6 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरयू घाट पर पहुंचेंगे और वहां सरयू आरती में शामिल होंगे. फिर 6:15 बजे दीपोत्सव का शुभारंभ होगा. उसके बाद सीएम और राज्यपाल वापस राम कथा पार्क में आएंगे और कार्यक्रम को देखेंगे. उनका रात्रि विश्राम अयोध्या में ही होगा.
अयोध्या में हो रहे इस भव्य दीपोत्सव में इस बार प्रदेश के कलाकारों की प्रस्तुतियों में यूपी की विरासत, संस्कृति, प्रेम और अनेकता में एकता की झलक नजर आएगी. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए न सिर्फ अयोध्यावासी, बल्कि दुनियाभर के लोग यूपी की संस्कृति और विरासत से रूबरू होंगे.