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अयोध्याः मस्जिद के ट्रस्ट ने जारी किया लोगो, छुपा हुआ है बड़ा संदेश

मस्जिद निर्माण का कामकाज देखने वाले ट्रस्ट की ओर से नया लोगो जारी कर दिया गया है. अब ट्रस्ट का सारा आधिकारीक कामकाज इस लोगो के आधार पर ही आगे बढ़ाया जाएगा.

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ट्रस्ट की ओर से जारी किया गया लोगो
ट्रस्ट की ओर से जारी किया गया लोगो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन का लोगो जारी
  • मस्जिद निर्माण का कामकाज इसी के तहत होगा
  • दिल्ली के हुमायूं के मकबरे जैसा है डिजाइन

अयोध्या में एक ओर राम मंदिर का निर्माण अब तेज़ी से आगे बढ़ रहा है तो दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवंटित की गई ज़मीन पर मस्जिद निर्माण की भी गतिविधियां तेज़ हैं. अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद बनाई जाएगी. इसका संचालन देखने वाले इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने सोमवार को अपना आधिकारिक लोगो जारी किया है.

इस लोगो में दिल्ली स्थित हुमायूं के मकबरे की झलक देखने को मिलती है. मस्जिद के निर्माण कार्य, व्यवस्था या फिर किसी अन्य आधिकारिक काम के लिए अब इसी लोगो का इस्तेमाल किया जाएगा.

जो लोगो जारी किया गया है, उसे रूब-एल-हिज़्ब कहा जाता है. ये लोगो दो स्क्वायर शेप को एक-दूसरे के ऊपर रखकर डिजाइन किया गया है. रूब-एल-हिज़्ब अरबी भाषा का शब्द है. रूब का मतलब-एक चौथाई और हिज़्ब का मतलब समहू होता है. इस लोगो का इस्तेमाल कुरान से जोड़कर किया जाता है, जो 60 समूह या हिस्सों में बांटी गई है. इसका मुख्य उद्देश्य कुरान को सुविधाजनक बनाना है. इस सिंबल का इस्तेमाल अरबी भाषा में चैप्टर के एंड में भी किया जाता है. 

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, अयोध्या के बाहरी क्षेत्र में मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ ज़मीन दी गई है. यहां पर मस्जिद बनाने और उसका संचालन करने के लिए इस संगठन को बनाया गया है. जो नया लोगो बनाया गया है उसे अरबी भाषा के प्रतीकों में एक अध्याय के अंत के तौर पर देखा जाता है.

अयोध्या में मस्जिद निर्माण में होगी देरी, अभी ट्रस्ट का ऑफिस बनना भी बाकी

गौरतलब है कि 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर की नींव पड़ गई. इसी के बाद ही मस्जिद को लेकर भी हलचलें तेज़ होने लगी हैं. हालांकि अभी इसका निर्माण नहीं शुरू हुआ है.

बीते दिनों इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने कहा था कि ट्रस्ट का गठन 19 जुलाई को हुआ, उसके बाद कई वर्चुअल मीटिंग्स हो चुकी हैं. लेकिन कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण मुख्य तौर पर कामकाज आगे नहीं बढ़ पाया है. साथ ही अभी ट्रस्ट का ऑफिस बनना है, साथ ही ट्रस्ट के नाम से कई कागज़ी कामों का भी होना बाकी है.

वक्फ बोर्ड के ट्रस्ट को मिला जमीन का मालिकाना हक, बाबर के नाम पर नहीं होगी मस्जिद

इस ट्रस्ट में भी 15 लोग होंगे, जिनमें से 9 को नामित किया जा चुका है. जबकि बाकी 6 के नाम आने बाकी हैं, बीते दिनों ही ऐलान किया गया था कि यहां पर बनने वाली मस्जिद का नाम बाबर के नाम पर नहीं होगा. 

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