श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने गुरुवार को मणिराम दास छावनी में पत्रकारवार्ता की, जिसमें उन्होंने राम मंदिर निर्माण और ट्रस्ट पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं और धर्माचार्यों ने आपत्ति उठाई है. दावा है कि घोटाला हुआ है. इन आरोपों पर सामान्य जनता के मन में भ्रम हो गया. कोषाध्यक्ष होने के नाते मैंने यहां आकर खोजबीन की. साथ में वकील भी थे. खोजबीन में निकलकर आया है कि जो आरोप लगाए गए हैं उसमें किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वालों को हम चुनौती देते हैं कि आप अयोध्या आइए और जितनी जमीन ली गई है, उतनी जमीन उस कीमत पर लेकर दिखाइए.
उन्होंने कहा कि हम रामभक्तों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि न कुछ गलत हुआ है, न आगे कुछ गलत होगा. हम गर्व से पूरा करने का काम करेंगे. आरोप लगाने वालों के मन में राम जी के प्रति आदर होता तो ये सीधे हमारे पास आ सकते थे, हमसे सवाल कर सकते थे लेकिन नैतिकता खोकर मीडिया में आकर दुष्प्रचार किया गया. इसके पीछे राजनैतिक भावनाएं हैं.
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गोविंद देव गिरी ने कहा कि राम जन्मभूमि स्थल के लिए कम से कम 108 एकड़ जमीन होनी चाहिए. साथ ही गर्भ गृह के आसपास परकोटा के लिए ट्रस्ट के पास जमीन नहीं थी. इसलिए जमीन खरीद का काम हुआ. अयोध्या में रहने वाले ट्रस्ट के सदस्यों ने ज़मीन ख़रीद का काम किया. जमीन खरीद पर घोटाले के आरोप लगाए गए. लेकिन सच ये है कि मंदिर की भव्यता के लिए जमीन लेना जरूरी था. खरीद में कानूनी काम किया गया है. भूमि अयोध्या के बाजार भाव से या उससे कम में लिया गया है.
आरोपों को देखकर ऐसा लगता है कि लोग मंदिर निर्माण में बाधा डालने के लिए ये आरोप मढ़े गए हैं. ज़मीन ख़रीद में कहीं भी गलत नहीं हुआ है. इसकी जांच अकाउंट अधिकारी और वकीलों ने की है. कानूनी कार्रवाई के सवाल पर गोविंद देव गिरी ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत इच्छा नहीं है कि कोई कानूनी कार्रवाई की जाए लेकिन न्यास मंडल कहेगा नूनी कार्रवाई होगी.
अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया. उन्होंने कहा कि अभी करीब 108 एकड़ तक क्षेत्रफल भूमि पर मन्दिर निर्माण कराना लक्ष्य है. आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्र्स्ट के महासचिव चम्पत राय और ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र मौजूद नहीं हैं. न्यास के कोषाध्यक्ष गोविन्ददेव गिरी, ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल, महंत दिनेन्द्र दास, राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र और बड़ी छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महन्त कमल नयन दास मौजूद रहे.
गिरी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के लिए हुई खरीद में अवैधानिक कुछ भी नहीं किया. सारे भूखंडों का अधिग्रहण अयोध्या के बाजार मूल्य से कम पर ही किया गया. ऐसे आरोप लगाने वालों का मकसद सिर्फ मंदिर निर्माण कार्य में बाधा डालना ही है. गिरी ने कहा कि आप सभी लोग किसी भी तरह के भ्रम में न रहिएगा. हमसे कोई भी अथॉरिटी कुछ भी पूछेगी तो हम उसका सटीक जवाब देंगे. दस्तावेज भी दिखाएंगे. लेकिन मीडिया ट्रायल नही करेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि व्यक्तिगत तौर पर हमारा विचार है कि जिन लोगो ने आरोप लगाए हैं उनको महत्व देने की जरूरत नहीं है. और न ही हम कोई कार्रवाई चाहते हैं. हालांकि, अगर हम सभी ट्रस्टी मिलकर कोई फैसला लेंगे तो सही फैसला होगा. गिरी ने कहा कि आपके मन मे भी कई सवाल होंगे. लेकिन हम इस मामले में मीडिया ट्रायल नही करना चाहते. इसके अलावा, बाद में कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी 'आजतक' के सवाल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए.