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राहुल गांधी से अमेठी मांगने लगी विकास का हिसाब-किताब

आम आदमी पार्टी (AAP) नेता कुमार विश्वास द्वारा लगातार अमेठी के बदहाल विकास का मुद्दा उठाए जाने और बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैलियों से लोगों में विकास के प्रति जागरूकता साफ दिखाई दे रही है.

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राहुल गांधी (फाइल फोटो)
राहुल गांधी (फाइल फोटो)

आम आदमी पार्टी (AAP) नेता कुमार विश्वास द्वारा लगातार अमेठी के बदहाल विकास का मुद्दा उठाए जाने और बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैलियों से लोगों में विकास के प्रति जागरूकता साफ दिखाई दे रही है.

कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी का इस बात का आभास था कि अब अमेठी में उनका 'किला' उतना मजबूत नहीं रहा, जितना पहले होता रहा है. यही वजह थी कि पिछले दस वर्षों से अमेठी का सांसद रहने के दौरान 22 जनवरी को दो दिवसीय दौरे पर राहुल गांधी पहली बार अपनी बहन प्रियंका गांधी को लेकर अपने संसदीय क्षेत्र आए.

इस बार अमेठी की जनता सड़क, पानी और बिजली की बात करने लगी है. अमेठी में सबसे खराब हालत सडक़ों की है. सड़क का मुद्दा पिछले चुनाव में भी उठा था. अमेठी से टीकरमाफी के बीच के एक गांव करौंदी के लोगों ने पिछले चुनाव में 'रोड नहीं, तो वोट नहीं' का नारा उछाल दिया था, जिससे स्थानीय प्रशासन की नींद उड़ गई थी. लेकिन जैसे-तैसे तब स्थिति संभल गई थी. इस बार फिर यह मुद्दा तेजी से उभरने लगा है. अमेठी के लोगों को सड़कों की जर्जर हालत अब चुभने लगी है.

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राहुल के इस दौरे पहले भी फुरसतगंज से जायस के बीच कुछ गांव के लोगों ने 'रोड नहीं, तो वोट नहीं' के बैनर के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष के रास्ते में खड़े थे. जामों प्रखंड के बरौलिया, रामबख्तगढ़ और रामपुर नौरंगाबाद के गांव के लोगों से राहुल के एक नुमाइंदे को वादा करना पड़ा है कि 60 दिन के भीतर उनकी मांगों पर गौर होगा. जाहिर है इस बार राहुल पर जन-आकांक्षाओं का बेहद दबाव है.

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