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तेलंगाना: कोरोना ने पत्नी को छीना, दारोगा अब बेघर लोगों को रोज बांटता है खाना

तेलंगाना पुलिस में सब इंस्पेक्टर सोम नारायण सिंह रोज सड़कों पर बेसहारा लोगों को खाना बांटते हैं. कोरोना की वजह से उनकी पत्नी की मौत हो गई थी.

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फुटपाथ पर रहने वाले गरीबों को बांटते हैं खाना.
फुटपाथ पर रहने वाले गरीबों को बांटते हैं खाना.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एसआई सोम नारायण सिंह की पहल
  • बेघर-बेसहारा को बांटते हैं फूड पैकेट

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान देश में मौतों का आंकड़ा मेडिकल एक्सपर्ट्स के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. एक तरफ कोविड-19 से जुड़ीं त्रासद तस्वीरें हर दिन सामने आ रही हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसे लोगों की भी कमी नहीं जो खुद का दुख-दर्द भुला कर जरूरतमंदों की मदद में दिन-रात लगे हैं. 

ऐसे ही एक कोरोना हीरो हैं- सोम नारायण सिंह. सोम महबूब नगर 2 टाउन अर्बन पुलिस स्टेशन में सब इंस्पेक्टर के तौर पर तैनात हैं. सोम ड्यूटी की जिम्मेदारियों के अलावा हर रात सड़कों पर एक और भूमिका निभाते नजर आते हैं. सोम अपने वाहन में खाने के पैकेट साथ लेकर चलते हैं. फिर यही पैकेट वे सड़क किनारे फुटपाथ पर सोने वाले बेसहारा लोगों को बांटते हैं. 

सोम ने आजतक को बताया, “मैंने अपनी पत्नी को कोरोना की वजह से खो दिया. मै उन जरूरतमंदों की मदद करना चाहता हूं जिन्हें इस महामारी की वजह से बहुत कुछ भुगतना पड़ रहा है. मैंने हर दिन ड्यूटी के लिए गश्त लगाते पाया कि मेरे ड्यूटी क्षेत्र में कम से कम 50 ऐसे लोग हैं जो बेघर हैं और सड़क किनारे ही सोते हैं. मुझसे जो बन सकता था, उनके लिए मदद करने का फैसला किया.” 

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इसी तरह हैदराबाद के ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल महेश ने जो किया, उसकी भी स्थानीय लोग बहुत सराहना कर रहे हैं. हैदराबाद के पंजागुट्टा क्षेत्र में ट्रैफिक ड्यूटी संभालने वाले महेश ने सोमवार को सड़क पर दो गरीब बच्चों को खाने की तलाश में इधर उधर भटकते देखा.  

कोरोना महामारी की वजह से आंशिक लॉकडाउन लागू है. खाने के स्टॉल्स को कुछ घंटे के लिए ही खुलने की इजाजत दी जाती है. जब महेश ने बच्चों को देखा उस वक्त लॉकडाउन की वजह से सब स्टॉल्स और दुकानें बंद थीं. महेश ने अपना लन्च बॉक्स निकाल कर दोनों बच्चों को खाना खिलाया. 

पुलिसकर्मियों की लॉकडाउन में सख्ती बरतने पर आलोचना बहुत होती है. लेकिन ये कोई नहीं देखता कि इसके पीछे उनका मकसद लोगों को ही कोरोना से सुरक्षित रखना है. बाकी पुलिसवालों का दिल भी दूसरों का दर्द देखकर कैसे पसीजता है इसकी मिसाल हैं- सब इंस्पेक्टर सोम नारायण सिंह और ट्रैफिक कांस्टेबल महेश.  

 

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