scorecardresearch
 

योगी के एक साल में नकलमुक्त हुआ यूपी, ये हुआ था असर

सूबे में मुलायम सिंह यादव के दौर में परीक्षा को लेकर प्रशासन सख्त नहीं था. इसी तरह की हालत अखिलेश सरकार में भी रही. इसके चलते नकल माफिया का सूबे में साम्राज्य कायम था. हालत ये हो गई थी कि सूबे में स्कूलों के रिजल्ट 100 फीसदी तक आ रहे थे.

Advertisement
X
यूपी बोर्ड परीक्षा देते छात्र
यूपी बोर्ड परीक्षा देते छात्र

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का आज एक साल पूरा हो गया है. सूबे की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसे कदम उठाए कि नब्बे के दशक की याद ताजा हो गई. यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल मुक्त बनाने की मुहिम 1991 के बाद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने चलाई. नतीजा ये हुआ कि पहले ही साल में सूबे में नकलमुक्त परीक्षा हुई.

मुलायम के दौर में नकल हुई आम

सूबे में मुलायम सिंह यादव के दौर में परीक्षा को लेकर प्रशासन सख्त नहीं था. इसी तरह की हालत अखिलेश सरकार में भी रही. इसके चलते नकल माफिया का सूबे में साम्राज्य कायम था. हालत ये हो गई थी कि सूबे में स्कूलों के रिजल्ट 100 फीसदी तक आ रहे थे.

योगी के सख्त कदम से नकलमुक्त परीक्षा

Advertisement

2017 में बीजेपी 14 साल के बाद सत्ता में वापस लौटी तो मुख्यमंत्री का ताज योगी आदित्यनाथ के सिर सजा. योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही सूबे की बोर्ड परीक्षा को नकल मुक्त बनाने के लिए कमर कसी. विभागीय अधिकारी से लेकर डीएम तक को चेतावनी दी. इसके अलावा विद्यालयों में वीडियो कैमरों की निगरानी में परीक्षा कराने का आदेश दिया. परीक्षा केंद्र का निर्धारण पहली बार हुआ ऑनलाइन किया गया.

11 लाख छात्रों ने छोड़ी परीक्षा

यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल पर सख्ती के चलते 11 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी. नकल माफिया की रीढ़ टूट गई. सूबे में योगी पहले सीएम हैं, जिन्होंने यूपी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की और सख्त निर्देश दिए. इसके अलावा डिप्टी सीएम और विभागीय मंत्री दिनेश शर्मा ने परीक्षाओं के पहले कई स्कूलों का औचक निरीक्षण किया.

मेधावियों की कॉपियां ऑनलाइन होंगी

यूपी बोर्ड परीक्षाओं में एसटीएफ की मदद से लेकर मेधावियों की कॉपियां ऑनलाइन करने तक के कई कदम उठाए गए. सूबे के 50 संवेदनशील जिलों में कोड वाली कॉपियां भेजी गईं. परीक्षार्थी का कॉपी कोड उपस्थिति पंजिका पर लिखा जाएगा. पहली बार सभी परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी का इंतजाम किया गया. पहली बार सीसीटीवी की निगरानी में कॉपी चेक होंगी. बोर्ड के टॉप 20 विद्यार्थियों की कॉपियों को ऑनलाइन किया जाएगा.

Advertisement

कल्याण सिंह के दौर में पहली बार नकल पर सख्ती

गौरतलब है कि बीजेपी पहली बार जब 1991 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में आई तो कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने थे और शिक्षा मंत्री का जिम्मा राजनाथ सिंह को दिया गया था. कल्याण और राजनाथ की जोड़ी ने सूबे की बोर्ड परीक्षा को नकलमुक्त बनाने का काम किया था. परीक्षा के दौरान नकल करने पर पकड़े जाने वाले छात्र को जेल की हवा तक खानी पड़ती थी. हालांकि बाद में जेल जाने वाले प्रावधान पर रोक लगा दी गई.

Advertisement
Advertisement