लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकलुभावन घोषणाओं की झड़ी लगा दी है. पहले ही किसानों के लिए गारंटीशुदा आर्थिक मदद का ऐलान कर चुकीं ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य कर्मचारियों के सभी बकाया महंगाई भत्ते (DA) का इस साल जनवरी तक भुगतान कर देगी.
बीरभूम ज़िले में प्रशासनिक समीक्षा बैठक के संचालन के दौरान ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारे पास पैसा नहीं है, लेकिन हम सभी लंबित महंगाई भत्ते का जनवरी तक भुगतान कर देंगे.'
मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक राज्य के करीब 8 लाख कर्मचारियों को बेसिक वेतन के 125% के आधार पर महंगाई भत्ता इसी महीने से मिलने लगेगा. ये मौजूदा दर से 18% ज़्यादा है. बता दें कि ये घोषणा ऐसे वक्त पर की गई, जब लोकसभा चुनाव को 5 महीने का वक्त ही बचा है.
बीते साल अगस्त में कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) के आदेश को पलटते हुए कहा था कि महंगाई भत्ता सभी राज्य कर्मचारियों का वैधानिक अधिकार है. SAT ने इससे पहले व्यवस्था दी थी कि महंगाई भत्ते का फैसला लेने का अधिकार सिर्फ़ राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर है और कर्मचारी इस पर अपने हक़ का दावा नहीं जता सकते.
महंगाई भत्ते की दर में बढ़ोतरी के बाद केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच DA का अंतर 23% रह जाएगा. ममता बनर्जी ने बड़े अंतर के लिए पश्चिम बंगाल में पूर्ववर्ती लेफ्ट मोर्चा सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया. ममता बनर्जी ने सवाल किया कि पिछली सरकार ने इस बड़े अंतर को कम करने के लिए 34 साल में क्यों कुछ नहीं किया?
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर दबाव है कि राज्य कर्मचारियों का वेतन उन राज्यों के स्तर पर लाए, जहां केंद्र सरकार की ओर से 2017 में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दिए जाने के बाद संशोधित वेतनमानों को लागू कर दिया गया है.
(बीरभूम से भास्कर मुखर्जी के इनपुट्स के साथ)