पश्चिम बंगाल में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. आए दिन बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें आती रहती हैं. हिंसा की बढ़ती घटनाओं और कार्यकर्ताओं की मौत अब बड़ी समस्या बनती जा रही है. पश्चिम बंगाल के हालात को देखते हुए गवर्नर केसरी नाथ त्रिपाठी सोमवार दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करेंगे.
गवर्नर और पीएम मोदी की मुलाकात उत्तरी 24 परगना के संदेशखली में भड़की हिंसा के बाद हो रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि त्रिपाठी पीएम मोदी से इस घटना पर भी चर्चा कर सकते हैं. केसरी नाथ त्रिपाठी इससे पहले कई बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पंचायत चुनाव में भड़की हिंसा को लेकर सार्वजिक तौर पर नाराजगी जता चुके हैं. अब तक वर्तमान हिंसा पर उन्होंने कोई बयान नहीं दिया है. हालांकि प्रधानमंत्री और केसरी नाथ त्रिपाठी की मुलाकात पहले से तय थी लेकिन हिंसा और बंगाल के हालातों को देखते हुए यह और भी अहम हो गई है.
झड़प में 8 लोगों की मौत3 BJP workers shot dead by TMC goons in Sandeshkhali, West Bengal. @mamataofficial is directly responsible for unleashing violence against BJP workers.
We will be reaching Union Home Minister Sh @amitshah ji to apprise him of Sandeshkhali killings.
— Mukul Roy (@MukulR_Official) June 8, 2019
शनिवार को उत्तर 24 परगना में सत्ताधारी टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में कथित रूप से कम से कम आठ लोग मारे गए और कई घायल हो गए. दोनों पार्टियों के सूत्रों ने रविवार को इसकी जानकारी दी. बीजेपी सूत्रों ने दावा किया कि टीएमसी का समर्थन पाए लोगों ने उनके 5 कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया और 18 लोग लापता हैं. वहीं टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता का आरोप है कि संदेशखली के हत्गाछी इलाके में हुए खूनी संघर्ष में पार्टी के तीन कार्यकर्ता मारे गए.
बीजेपी ने ठहराया ममता को जिम्मेदार
सोशल मीडिया पर संदेशखली हिंसा में मारे गए लोगों की तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं. भाजपा नेता मुकुल रॉय ने शनिवार रात इस बारे में ट्वीट भी किया था.इसमें उन्होंने लिखा कि सीएम ममता बनर्जी बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि इस हिंसा के बारे में गृह मंत्री अमित शाह को जानकारी दी जाएगी. पुलिस ने अब तक बीजेपी के दो और टीएमसी के एक कार्यकर्ता की मौत की पुष्टि की है. बीजेपी का झंडा हटाने को लेकर दोनों गुटों में झड़प शुरू हो गई, जो खूनी हिंसा में तब्दील हो गई.