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इंदिरा गांधी के निजी सचिव रहे आरके धवन का निधन

इंदिरा युग में देश के सबसे ताकतवर लोगों में शुमार आरके धवन का निधन हो गया है. वह 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के चश्मदीद गवाह भी रहे.

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आरके धवन (फाइल)
आरके धवन (फाइल)

इंदिरा गांधी के निजी सचिव रहे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरके धवन का निधन हो गया है. वह 81 बरस के थे.

पंजाब यूनिवर्सिटी से स्नातक आरके धवन 1962 से 1984 तक इंदिरा के निजी सचिव रहे. वह 1990 में राज्यसभा के लिए चुने गए. इसके अलावा वह कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे. धवन की पढ़ाई देहरादून और बनारस हिदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में भी हुई थी. वह राज्यसभा के सांसद भी रहे थे.

परिवार के करीबी सूत्रों ने बताया कि धवन ने शाम करीब सात बजे बीएल कपूर अस्पताल में अंतिम सांस ली. धवन को बढ़ती उम्र संबंधी परेशानियों के कारण पिछले हफ्ते मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरके धवन को हमारी श्रद्धांजलि. उन्होंने आज अंतिम सांस ली. कांग्रेस के सिद्धांतों के प्रति उनकी निष्ठा, प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए हमेशा याद किया जाएगा. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.'

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74 की उम्र में शादी

अपनी मौत से महज 6 साल पहले ही उन्होंने शादी की थी. जुलाई, 2012 में धवन ने अपने बैचलर जीवन खत्म करते हुए शादी की. शादी के वक्त उनकी उम्र 74 साल थी और उन्होंने अपने से करीब 15 साल कम उम्र की अचला से विवाह किया था.

1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के समय वह घटनास्थल पर मौजूद थे और उन्हें इंदिरा का बेहद करीबी माना जाता था. उनके बारे में कहा जाता है कि इंदिरा युग में उनकी स्थिति एक समय देश के दूसरे या तीसरे नंबर के ताकतवर शख्सियत के रूप में होती थी.

इंदिरा गांधी की ओर से देश में लगाए गए आपातकाल के दौरान धवन की स्थिति बेहद मजबूत हो गई थी और इस दौरान गांधी की ओर से लिए जा रहे फैसलों में उनकी भूमिका मानी जाती है.

1984 में इंदिरा गांधी की उनके आवास पर हत्या के दौरान धवन भी वहीं मौजूद थे और उन्होंने पूरा घटना अपनी आंखों से देखा था.

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