छत्तीसगढ़ में चुनावी रंग सरकारी अफसरों पर भी चढ़ गया है. पुलिस और प्रशासन के कई अफसर चुनावी मैदान में कूदने की तैयारी में हैं. पुलिस के अफसर जहां कांग्रेस पर भरोसा कर रहे हैं, वही प्रशासनिक अफसर बीजेपी पर. डीएसपी विभोर सिंह, डीएसपी गिरजा शंकर जौहरी और डीएसपी किस्मतलाल नंद ने पुलिस विभाग की नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. अब तीनों अफसर विधान सभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.
तीनों अफसरों ने कांग्रेस का दमन थामा है. रायपुर मुख्यालय में पदस्थ डीएसपी विभोर सिंह ने 1 अगस्त को अपना इस्तीफा सौंपा है. विभोर सिंह मूलतः कोटा इलाके के रहने वाले हैं. वे कोटा विधान सभा से चुनाव लड़ेंगे. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस में अपनी दावेदारी कर दी है. अभी कोटा विधान सभा से पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की पत्नी डॉ. रेणु जोगी विधायक हैं. यह कांग्रेस का परंपरागत गढ़ रहा है.
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दूसरी ओर डीएसपी गिरजाशंकर जौहरी मस्तूरी विधान सभा से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. इसके लिए उन्होंने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को अपना आवेदन देकर मस्तूरी विधान सभा क्षेत्र से दावेदारी की है. डीएसपी किस्मतलाल नंद ने भी अपना इस्तीफा पुलिस मुख्यालय को भेज दिया है. वे रायगढ़ के रहने वाले हैं और सरायपाली विधान सभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि सरायपाली से मौजूदा बीजेपी विधायक रामलाल सिंह को वह भारी मतों से मात देंगे.
छत्तीसगढ़ का इतिहास
इसके पहले 2013 के विधान सभा चुनाव में डीएसपी आर.के राय भी नौकरी छोड़कर विधान सभा चुनाव में कूदे थे. वह गुंडरदेही से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी जीते. हालांकि कांग्रेस के नेताओं से उनकी पटरी नहीं बैठी, और वे पार्टी छोड़ अजित जोगी के खेमे में चले गए.
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अभी वे छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. पूर्व डीएसपी आर.के. राय के रास्ते पर चलकर अब ये तीनों डीएसपी भी विधायक बनने की जोर आजमाइश में हैं, लेकिन तीनों का इस्तीफा अभी स्वीकृत नहीं हुआ है. पुलिस मुख्यालय से मिली जानकरी के मुताबिक तीनों डीएसपी का इस्तीफा उनके रेंज आईजी के पास विचाराधीन है.
बीजेपी के टिकट पर दिखाएंगे दम
दूसरी ओर तीन प्रशासनिक अधिकारी भी चुनाव लड़ने के लिए अपना दमखम दिखा रहे है. ये तीनों रिटायर्ड आईएएस हैं. इनमें एक कोरबा विधान सभा सीट से तो दूसरा रायपुर से सटी धरसींवा विधान सभा सीट से भाग्य आजमाना चाहते हैं. तीसरे अफसर दो वर्ष पहले सचिव के पद से रिटायर हुए हैं. वे दंतेवाड़ा और सुकमा की किसी भी विधान सभा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक बताए जा रहे हैं.
उनका दावा है कि आदिवासी समाज के महत्वपूर्ण पदाधिकारी होने के चलते उनके सामाजिक संगठन ने उन्हें चुनावी मैदान में उतरने के निर्देश दिए हैं. ये तीनों अफसर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए मुख्यमंत्री रमन सिंह के भी लगातार संपर्क में है, लेकिन बीजेपी का संगठन इन तीनों अफसरों पर कितना भरोसा करेगा, यह तो वक्त ही बताएगा.