उत्तराखंड में मौसम एक बार फिर लोगों के लिए काल बन सकता है. राज्य के कई जिलों में शुक्रवार से भारी बारिश का अंदेशा जताया गया है. मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में सबसे ज्यादा बारिश हो सकती है. उधर, केदारघाटी में बारिश शुरू हो चुकी है.
मौसम विभाग ने कुमाऊं मंडल के नैनीताल, हल्द्वानी, भीमताल, पिथौरागढ़, मुक्तेश्वर, पातालभुवनेश्वर, बागेश्वर और जागेश्वर तथा गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, जोशीमठ, गंगोत्री, यमुनोत्री और चक्रकाता में भारी बारिश की आशंका जताई है.
बारिश की चेतावनी के बाद लोग खौफ में हैं और मुसीबत से बचने के लिए ऊपरी इलाकों का रुख कर रहे हैं. उत्तराखंड में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए सेना को अलर्ट कर दिया गया है.
मौसम बिगड़ने से राहत पर असर पड़ने के आसार हैं. यही वजह है कि सरकार ने 8 जुलाई तक सेना के बने रहने के आदेश दिए हैं. लोगों को बचाने में आईटीबीपी के जवान भी जुटे हुए हैं.
बारिश होने के पूर्वानुमान के मद्देनजर मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अधिकारियों से सतर्क रहने को कहा है. इसी के साथ उन्होंने कहा है कि अगर 15 जुलाई तक लापता लोगों की जानकारी नहीं मिल पाती है तो उन्हें मरा हुआ घोषित कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि त्रासदी में कुल 3,064 लोग लापता हैं और उन्हें खोजने की आखिरी तारीख 15 जुलाई है.
उन्होंने कहा, 'त्रासदी की भयावहता को देखते हुए राज्य कैबिनेट ने फैसला लिया है कि अगर लापता लोग 15 जुलाई तक नहीं मिलते हैं तो हम यह मान लेंगे कि वे मर चुके हैं और उनके घरवालों मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.'
मौसम विभाग द्वारा कुमाऊं क्षेत्र में अगले दो दिनों में भारी बारिश होने के पूर्वानुमान के मद्देनजर बहुगुणा ने कहा कि प्रशासन को अगले 50 घंटों के लिए बहुत ज्यादा सजग रहने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि इन इलाकों में राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के 250 कर्मियों को तैनात किया गया है.
उधर, उत्तराखंड में मारे गए लोगों की संख्या पर विवाद गहराया गया है. शंकराचार्य स्वरूपानंद ने आज तक से बातचीत में कहा कि जब तक मारे गए सभी लोगों का अंतिम संस्कार नहीं हो जाता तब तक सही आंकड़े सरकार को नहीं बताए जा सकते.
शंकराचार्य स्वरूपानंद चाहते हैं कि केदारनाथ में जल्द से जल्द पूजा हो लेकिन उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि शंकराचार्य स्वरूपानंद ने नकली शंकराचार्य से बचने की सलाह दी है. दरअसल, केदारनाथ में पूजा को लेकर शंकराचार्य स्वरूपानंद और बद्रिकाश्रय पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद के बीच तनाव पैदा हो गया है. वासुदेवानंद किसी भी सूरत में शंकराचार्य स्वरूपानंद का हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं.