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उत्तराखंड से लाई गई स्नेहलता की कहानी में फिल्मी मोड़, पिता को पहचानने से किया इंकार

स्नेहलता की कहानी ने नाटकीय मोड़ ले लिया है. वही स्नेहलता जो अपने मां-बाप को ढूंढने आपदा प्रभावित उत्तराखंड गई थी. फिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुंहबोली बहन बनाकर उसे बीमारी की हालत में भोपाल ले आए थे और अस्पताल में भर्ती करवाया था. अब स्नेहलता के पिता सामने आए हैं, लेकिन हैरत की बात है कि स्नेहलता ने उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया है.

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Shivraj Singh Chauhan
Shivraj Singh Chauhan

स्नेहलता की कहानी ने नाटकीय मोड़ ले लिया है. वही स्नेहलता जो अपने मां-बाप को ढूंढने आपदा प्रभावित उत्तराखंड गई थी. फिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुंहबोली बहन बनाकर उसे बीमारी की हालत में भोपाल ले आए थे और अस्पताल में भर्ती करवाया था. अब स्नेहलता के पिता सामने आए हैं, लेकिन हैरत की बात है कि स्नेहलता ने उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया है.

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, केदारनाथ त्रासदी में अपने माता-पिता की मौत का दावा करने वाली स्नेहलता उर्फ नेहा शर्मा के पिता महावीर प्रसाद शर्मा उससे मिलने पहुंचे, तो उसने उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया.

इतना ही नहीं, महावीर प्रसाद के साथ आई स्नेहलता की छोटी बहन आयुषी ने भी अस्पताल पहुंचकर उन्हें पिता मानने से इंकार कर दिया. हालांकि शाम होते-होते अस्पताल प्रबंधन के समझाने पर स्नेहलता और आयुषी दोनों ने महावीर को अपना पिता स्वीकार कर लिया.

मध्य प्रदेश के भिंड निवासी स्नेहलता के माता-पिता 13 जून को केदारनाथ गए थे. स्नेहलता ने टीवी पर बाढ़ की खबर सुनी, तो वह 20 जून को उन्हें ढूंढ़ने हरिद्वार रवाना हो गई. इस बीच, स्नेहलता को बीमारी की हालत में हरिद्वार के शांतिकुंज में मध्यप्रदेश के राहोत शिविर पहुंचाया गया, जहां से मुख्यमंत्री चौहान पिछले सोमवार को उसे अपने साथ भोपाल ले आए थे. स्नेहलता ने अपने माता-पिता की मौत का दावा किया था, जिसके बाद मुख्मयंत्री ने उसे सरकारी नौकरी देने का ऐलान भी कर दिया था. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, स्नेहलता के माता-पिता की मौत के बारे में भिंड के एसडीएम को जांच करने को भी कहा गया है.

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महावीर प्रसाद ने बताया कि उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं. वह पत्नी विद्यादेवी के साथ 13 जून को केदारनाथ जा रहे थे, लेकिन रास्ते में बारिश होने से हरिद्वार से आगे नहीं जा सके. वहीं स्नेहलता का कहना है कि उसके दो भाई और चार बहनें हैं. साथ ही उसने बताया था कि केदारनाथ में माता-पिता के साथ दो बहनों और दो भाइयों की मौत हो गई है.

स्नेहलता की छोटी बहन आयुषी ने कहा कि वह महावीर प्रसाद को पिता नहीं, पिता जैसा मानती है, इसलिए उनके साथ आई है. हालांकि शाम को डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के समझाने के बाद उसने महावीर प्रसाद को अपना पिता बताया. उसने सुबह इस बात से इंकार क्यों किया, इस बारे में आयुषी ने कोई जवाब नहीं दिया. बाद में स्नेहलता ने भी महावीर को अपना पिता स्वीकार कर लिया. इस पूरे नाटक के बाद महावीर प्रसाद ने कहा, ‘‘भगवान ऐसी औलाद किसी को न दे. मुझे ऐसी बेटी नहीं चाहिए जो मुझे पिता ही न माने. मैं इसका पिता न होता तो उसे देखने क्यों आता.’’

इस पूरे मामले पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आपदा प्रभावितों के नाम पर सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश कर रहे हैं. जिस लड़की को लेकर उन्होंने वाहवाही लूटी, वह पूरी कहानी झूठी निकली और अब मुख्यमंत्री भी संदेह और विवाद के घेरे में आ गए हैं.

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