राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएम) के उपाध्यक्ष शशिधर रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि उत्तराखंड में बाढ़ और भूस्खलन में 11,000 से अधिक लोगों के अब भी लापता होने की आशंका है.
रेड्डी ने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार लापता लोगों की संख्या केवल 3,500 से 3,700 तक बताई गयी है लेकिन राज्य में 11,000 से अधिक लोगों के लापता होने की आशंका है. एनडीएमए के ताजा आंकड़ों के अनुसार बारिश और बाढ़ से उत्तराखंड के 4,200 गांव प्रभावित हुए हैं और 2,397 घर तथा 194 पुल तबाह हो गये. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अभी तक 580 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,500 अब भी लापता हैं. रेड्डी ने कहा कि करीब 150 स्थानीय लोगों ने बद्रीनाथ से निकाले जाने का अनुरोध किया है और मौसम सही होते ही इन लोगों को सुरक्षित निकालने का काम किया जाएग, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं.
बद्रीनाथ में किसी तरह की महामारी के खतरे की आशंका के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हमारे दलों ने इलाके का सर्वेक्षण किया है और वहां किसी तरह की महामारी का खतरा नहीं है और इलाके को खाली करा लिया गया है.’ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा पहले ही जारी चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिये जाने के आरोपों को खारिज करते हुए रेड्डी ने कहा कि इसरो ने इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी थी और उसके पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है.