आज इंटरनेशनल टाइगर डे है. आज से करीब 13 साल पहले देश में सिर्फ 1411 टाइगर थे. जो 2014 तक बढ़कर 2226 हो गए. टाइगर की आबादी साल दर साल बढ़ रही है. देश में बाघों की आबादी के आंकलन के लिए तीन बार सर्वे हो चुके हैं. पहला 2006 में, दूसरा 2010 और तीसरा 2014 में.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर बाघों की संख्या पर ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन 2018 रिपोर्ट जारी की. नए आंकड़ों के मुताबिक, देश में बाघों की संख्या 2967 पहुंच गई हैं. यानी 2014 के मुकाबले बाघों की संख्या में 741 बढ़ोत्तरी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाघों की संख्या पर रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि 9 साल पहले सेंट पीटर्सबर्ग में यह फैसला लिया गया था कि बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य 2022 होगा. हमने इस लक्ष्य को 4 साल पहले पूरा कर लिया है.
मैं इस क्षेत्र से जुड़े लोगों से यही कहूंगा कि जो कहानी ‘एक था टाइगर’ के साथ शुरू होकर ‘टाइगर जिंदा है’ तक पहुंची है, वो वहीं न रुके। केवल टाइगर जिंदा है, से काम नहीं चलेगा। Tiger Conservation से जुड़े जो प्रयास हैं उनका और विस्तार होना चाहिए, उनकी गति और तेज की जानी चाहिए: PM
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2019
इस बार कैसे की गई बाघों की आबादी की गणना
पूरे देश में करीब 3.81 लाख वर्ग किमी जंगलों में सर्वे किया गया. वन विभाग के कर्मचारी 5.33 लाख किमी पैदल चले. 3.17 लाख हैबिटाट से बाघों का मल जमा किया गया. देश भर में 141 स्थानों पर 26,838 कैमरा ट्रैप लगाए गए. इन कैमरों की वजह से 1.21 लाख वर्ग किमी इलाका कवर हुआ. इन कैमरों से 3.48 करोड़ फोटोग्राफ मिले. इन तस्वीरों में से 76,651 फोटो बाघों के थे और 51,777 तस्वीरें लेपर्ड के हैं. इस पूरे सर्वे को पूरा करने में करीब 11 करोड़ रुपए खर्च किए गए. यह दुनिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ सर्वे है.
देखिए देश में कहां-कहां हैं बाघ और कितनी मेहनत होती है बाघों की गणना करने में.
अब तक कैसे होती आई है बाघों की आबादी की गिनती
साल 2006 से पहले पूरे देश में बाघों की गिनती उनके पद चिन्हों के आधार पर होती थी. फिर कैमरे और नई टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया. इस बार बाघों की जनगणना में 15 हजार कैमरे लगाए गए थे. जबकि, 2006 में 9700 कैमरे लगे थे. इस बार कैमरे से ली गई तस्वीरों की जियो-टैगिंग की गई. इससे बाघों की आबादी का सही आंकलन हो पाया है.
जानिए... किस राज्य में कितने बाघ हैं मौजूद
राज्य 2006 2010 2014 2018
बिहार 10 8 28 31
उत्तराखंड 178 227 340 442
उत्तर प्रदेश 109 118 117 173
आंध्र प्रदेश 95 72 68 48
तेलंगाना -- -- -- 26
छत्तीसगढ़ 26 26 46 19
झारखंड -- 10 2 5
मध्यप्रदेश 300 257 308 526
महाराष्ट्र 103 168 190 312
ओडिशा 45 32 28 28
राजस्थान 32 36 45 69
गोवा -- -- 5 3
कर्नाटक 290 300 406 524
केरल 46 71 136 190
तमिलनाडु 76 163 229 264
अरुणाचल 14 -- 28 29
असम 70 143 167 190
मिजोरम 6 5 3 0
नगालैंड -- -- -- 0
प. बंगाल 10 -- 3 0
कुल 1411 1706 2226 2967
सबसे ज्यादा बाघों वाले पांच राज्य
देश में अभी सबसे ज्यादा 526 बाघ मध्यप्रदेश में हैं. इसके बाद 524 बाघों के साथ कर्नाटक दूसरे, 442 बाघों के साथ उत्तराखंड तीसरा, 312 बाघों के साथ महाराष्ट्र चौथा और 264 बाघों के साथ तमिलनाडु पांचवां राज्य है. देश में मौजूद बाघों की पूरी आबादी में से 60.80 फीसदी बाघ इन्हीं पांच राज्यों में हैं.
पिछले 6 सालों में पूरे देश में 138 बाघों का शिकार हुआ
वर्ष 2012 से लेकर 2018 तक कुल 657 बाघों की मौत हुई है. इनमें से 313 बाघों की मृत्यु प्राकृतिक तरीके से हुई है. जबकि इसके बाद सबसे ज्यादा मौतें 138 शिकार के कारण हुई है. 87 मौतों की जांच चल रही है. 35 बाघों की मौत एक्सीडेंट और जंगल में हुए टकराव आदि की वजह से हुई है. 84 बाघों की मौतें सीजर (लकवा व अन्य बीमारियों) की वजह से हुई हैं.