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याकूब मेमन की जिंदगी के आखिरी डेढ़ घंटे

मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में दोषी याकूब मेमन को नागपुर जेल में गुरुवार सुबह फांसी दे दी गई. फांसी की प्रक्रिया सुबह 5 बजे शुरू की गई और करीब 6.30 बजे याकूब को फांसी दे दी गई.

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मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में दोषी याकूब मेमन को नागपुर जेल में गुरुवार सुबह फांसी दे दी गई. फांसी की प्रक्रिया सुबह 5 बजे शुरू की गई और करीब 6.30 बजे याकूब को फांसी दे दी गई. कैसी रही याकूब की जिंदगी के आखिरी डेढ घंटे आइए डालते हैं नज़र--

फांसी को लेकर फैसले में देरी के बीच याकूब मेमन रात भर सो नहीं सका और टहलता रहा. वह लगातार जेल अधिकारियों से अपनी फांसी के बारे में फैसलों का अपडेट पूछता रहा. फांसी पर फैसला आने के बाद वह काफी नर्वस दिखा.

1. सुबह 5 बजे उसे नए कपड़े दिए गए.

2.
5.30 बजे उसने नमाज अदा की. उसके बाद उसे मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया.

3. 6.30 बजे उसे फांसी दे दी गई.

4. सुबह 7.01 बजे उसे मृत घोषित कर दिया गया.

याकूब को दी गई फांसी के वक्त जेल में जो लोग मौजूद थे उनमें एडिश्नल डीजी कारागार मीरा बोरवकर, जेल अधिक्षक योगेश देसाई, जेल डॉक्टर, मजिस्ट्रेट शामिल थे.

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