1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में याकूब मेमन को नागपुर जेल में फांसी दे दी गई. मुंबई में हुए धमाकों में 257 लोगों की जान चली गई थी. 1993 में मुंबई में भीड़ भरे 12 स्थानों पर हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों में 257 लोग मारे गए और 700 से अधिक घायल हो गए थे. जानिए क्या भूमिका थी याकूब की मुंबई धमाकों में जिसने उसे फांसी के फंदे तक पहुंचाया.
--याकूब मेमन टाइगर मेमन का भाई है और 1993 के मुंबई धमाकों के बाद परिवार के साथ देश से फरार हो गया था.
--टाइगर मेमन और दाऊद इब्राहिम के साथ मिलकर याकूब मेमन ने बम धमाकों की साजिश बनाने और उसे अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई.
--याकूब पेशे से सीए था और धमाकों की साजिश को अंजाम देने के लिए उस ने हवाला के जरिए पैसे जुटाए.
--पाकिस्तान जाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेने वालों के लिए याकूब ने टिकट की व्यवस्था की थी .
--साजिश को अंजाम देने के लिए याकूब ने एक दूसरे दोषी को 85 ग्रेनेड लाकर दिए.
--धमाकों में इस्तेमाल किए गए 12 बम याकूब के घर पर ही बनाए गए थे.
--याकूब के घर से ही घटना के दिन धमाकों के लिए विस्फोटक भेजा गया था.
--याकूब मेमन को 1994 में भारतीय एजेंसियों ने दिल्ली से गिरफ्तार किया . याकूब दावा करता है कि उसने बातचीत के बाद सरेंडर किया था.
--1994 में दिए एक इंटरव्यू में याकूब ने बम धमाकों में अपनी भूमिका स्वीकारी थी. साथ ही उसने दाऊद, टाइगर और दूसरे आरोपियों के पाकिस्तान में होने का दावा किया था.
--याकूब पर अन्य आरोपियों के साथ ही टाडा कोर्ट में केस चला और उसे फांसी की सजा सुनाई गई .
--याकूब अकेला आरोपी है जिसे मुंबई धमाकों के मामले में फांसी की सजा हुई. उसके साथ के अन्य आरोपी जैसे दाऊद और टाइगर मेमन फरार हैं.