कर्नाटक में सत्ताधारी भाजपा और विपक्ष द्वारा 11 अक्तूबर को विश्वास मत से पहले अपने अपने विधायकों को साथ बनाये रखने की कोशिशों के चलते एक बार फिर सैरगाह राजनीति का दौर लौट आया है क्योंकि विपक्षी दलों ने विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है.
येदियुरप्पा नीत सरकार से 18 विधायकों के समर्थन ले लेने के बाद संकट का सामना कर रही भाजपा ने शहर के बाहर स्थित गोल्डन पाम स्पा एंड रिजोर्ट में अपने सभी विधायकों को इकट्ठा कर लिया है. भाजपा के विद्रोही विधायक भी एक शहर से दूसरे शहर में घूम रहे हैं. चेन्नई के एक पंचतारा होटल में कुछ समय बिताने के बाद वे कोच्चि चले गये थे जहां से मुंबई होते हुए वे फिलहाल गोवा पहुंच गये हैं.
कांग्रेस भी अपनी ओर से कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती और उसने शहर के बाहर स्थित देवनहल्ली के निकट एक रिजोर्ट में अपने विधायकों को इकट्ठा कर लिया है. जद एस ने हालांकि दावा किया है कि उसके 28 विधायक एक ऐसे हीरे की तरह हैं जिन्हें कोई काट नहीं सकता लेकिन वह भी अपने विधायकों पर कड़ी नजर रखे हुए है.{mospagebreak}भाजपा और कांग्रेस की तुलना में उसके विधायकों की संख्या कम होने के कारण उसका काम आसान बना हुआ है. पिछले साल भी उस समय रिजोर्ट राजनीति देखने को मिली थी जब मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ पर्यटन मंत्री जनार्दन रेड्डी असंतुष्टों की अगुवाई कर रहे थे. हालांकि इस संकट को दूर करने के लिए आला कमान ने हस्तक्षेप किया था. 224 सदस्यीय विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष सहित भाजपा की सदस्य संख्या 117 है जबकि कांग्रेस के 73, जद एस के 28 और छह निर्दलीय हैं.