दक्षिण में बनी बीजेपी की पहली सरकार राजनीतिक संकट में फंसती दिखाई दे रही है. मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने बुधवार को बागी तेवर दिखा रहे चार मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया. कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने अब येदियुरप्पा को 12 अक्टूबर को सदन में बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा है.
बीजेपी के कुछ बागी विधायकों ने राज्यपाल को सरकार से समर्थन वापस लेने सबंधी पत्र लिखा था जिसके बाद राज्यपाल ने येदियुरप्पा से बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा है.
इससे पहले बुधवार को विपक्ष से भारी दवाब झेल रहे कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने चार मंत्रियों को मंत्रीपरिषद से बाहर कर दिया. मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने मतभेदों के कारण वेंकटरमनप्पा, शिवराज थनगडगी, डी सुधाकर और पीएम नरेंद्रस्वामी को कैबिनेट से बाहर कर दिया.
मंत्रियों को हटाने के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वो सदन बहुमत भी सिद्ध करेंगे. कैबिनेट में इस फेरबदल का कारण हाल ही में हुए कैबिनटे विस्तार से बीजेपी नेताओं का नाराज होना माना जा रहा है.
विद्रोही बीजेपी विधायकों और मंत्रियों ने येदियुरप्पा सरकार से समर्थन वापस लेने संबंधी पत्र राज्यपाल को लिखा है. हालांकि बुधवार सुबह कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष के एस एसवारप्पा ने कहा कि पार्टी में मतभेदों की बात गलत है.
इसी बीच जनता दल सेक्युलर और सदन में विपक्ष के नेता एच डी कुमारास्वामी ने बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात की. बीजेपी के राजनीतिक संकट से सीधा फायदा कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर को पहुंचेगा. दोनों ही पार्टिया पहले से ही येदियुरप्पा सरकार को गिराने के प्रयास करती रही हैं.
माना जा रहा है कि इस समय भारतीय जनता पार्टी के लगभग 20 विधायकों को मुख्यमंत्री से मतभेद है. बीजेपी के यदि यह विधायक सरकार से समर्थन वापस लेते हैं तो बीजेपी के लिए सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा.