उच्च शिक्षण संस्थानों में सुयोग्य शिक्षकों की भारी कमी पर गहरी चिंता जताते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि सरकार को शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए.
मानव संसाधन विकास विभाग की एक स्थायी संसदीय समिति ने राज्यसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कई प्रोत्साहक योजनाएं बना कर सरकार द्वारा कई प्रयास किए जाने के बावजूद योग्य शिक्षकों की कमी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी और गैर सरकारी दोनों ही क्षेत्रों में हाल के वष्रो में उच्च शिक्षा के वृहद विस्तार होने और नए विशिष्ट पाठ्यक्रमों के आने से सुयोग्य शिक्षकों की संख्या में आई भारी कमी एक चिंताजनक प्रवृत्ति को दर्शाती है.
समिति यह मानती है कि नए उच्च शिक्षा संस्थानों, विशेषकर भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जैसे अग्रणी संस्थान शुरू करते समय इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर अधिकतम ध्यान दिए जाने की जरूरत है.
सरकार को शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव देते हुए समिति का कहना है कि भारत जैसे विशाल देश में ऐसे विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों तथा हाल ही में उत्तीर्ण हुए युवाओं की कोई कमी नहीं है, जो बहुत ही अच्छे शिक्षक साबित हो सकते हैं.