फ्रांस के साथ अरबों डॉलर के राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर संशय की स्थिति अभी भी बरकरार है. दरअसल, फ्रांसीसी राजदूत फ्रांस्वा रिशर ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के भारत आने से ठीक दो दिन पहले कहा है कि डील को लेकर जटिल बातचीत अभी भी जारी है. ओलांद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं.
रिशर ने संवाददाताओं से कहा, 'इस समय बातचीत चल रही है, इसलिए मैं नहीं बता सकता कि इसका परिणाम क्या होगा. उसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. निस्संदेह यह जटिल बातचीत है.' राजदूत ने कहा, 'बिल्कुल, मैं तो आपसे यही कहूंगा कि मैं आशान्वित हूं. लेकिन आशान्वित होने का मतलब यह नहीं है कि हम पूरी तरह निश्चिंत हैं. बहुत उर्जा के साथ काम किया जा रहा है.'
समझा जाता है कि ओलांद की यात्रा के दौरान एक अंतर सरकारी रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं. लेकिन अंतिम अनुबंध में अभी समय लगेगा, क्योंकि लागत पर बातचीत जारी है. उन्होंने कहा 'चूंकि सरकार से सरकार के बीच बातचीत हो रही है इसलिए यह एक अंतर सरकारी समझौता होगा. सब कुछ इसके दायरे में होगा. मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं क्योंकि यह कोई ताज्जुब की बात नहीं है.'
लागत है मुख्य समस्या
हालांकि बाद में रिशर ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका मतलब यह नहीं था कि अंतर सरकारी समझौते पर ओलांद की यात्रा के दौरान निश्चित रूप से हस्ताक्षर हो ही जाएंगे. रक्षा सूत्रों ने बताया कि मुख्य समस्या लागत के मुद्दे से संबंधित है. समझा जाता है कि 36 विमानों के लिए अंतिम अनुबंध की लागत करीब 60,000 करोड़ रुपये होगी, जिनमें उनकी प्रक्षेपास्त्र प्रणाली और अन्य भी शामिल होंगे. भारतीय पक्ष की ओर से एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया की अगुवाई में लागत संबंधी बातचीत चल रही है.
निर्माणाधीन हैं स्कॉर्पियन पनडुब्बियां
इस बीच, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा फ्रांस के एमबीडीए के साथ मिल कर संक्षिप्त दूरी की, सतह से हवा में मार करने वाली (एसआर-एसएएम) मिसाइल की सह विकास परियोजना के बारे में पूछे जाने पर राजदूत ने कहा 'हम इस पर काम कर रहे हैं. हमें इस पर भारतीय पक्ष द्वारा निर्णय किए जाने की उम्मीद है. शायद अभी नहीं, लेकिन बाद में.'
रिशन ने कहा कि छह स्कॉर्पियन पनडुब्बियां निर्माणाधीन हैं. इनके अलावा और स्कॉर्पियन पनडुब्बियों के लिए संभावित ऑर्डर के बारे में पूछे जाने पर रिशिर ने कहा, 'फिलहाल हम राफेल पर ही ध्यान दें.'