पूर्ववर्ती सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड (SCSL) में करोड़ों रुपये के लेखा घोटाले से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत गुरुवार को अपना फैसला सुनाने वाली है. सीबीआई ने इस मामले की जांच की है.
विशेष न्यायाधीश बीवीएलएन चक्रवर्ती ने नौ मार्च को अंतिम सुनवाई के दौरान कहा था कि नौ अप्रैल को फैसला सुनाया जाएगा. कोर्ट ने कहा था कि आगे मुल्तवी करने का सवाल ही नहीं उठता. अदालत इंतजार नहीं करेगी.
देश की सबसे बड़ी लेखा में धोखाधड़ी का मामला 7 जनवरी, 2009 को तब सामने आया, जब कंपनी के संस्थापक और तत्कालीन अध्यक्ष बी रामलिंगा राजू ने कथित तौर पर अपनी कंपनी के बही खाते में हेराफेरी और वर्षों तक करोड़ों रुपये का मुनाफा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने की बात कबूल की. अपने भाई रामा राजू और अन्य के साथ फर्जीवाड़े की बात कथित तौर पर स्वीकार करने के बाद आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग ने राजू को गिरफ्तार कर लिया.
मामले में सभी 10 आरोपी अभी जमानत पर हैं. करीब छह साल पहले शुरू हुए मामले में लगभग 3000 दस्तावेज जमा किए गए और 226 गवाहों से पूछताछ हुई. रामलिंगा राजू के अलावा अन्य आरोपी उनके भाई और सत्यम के पूर्व प्रबंध निदेशक बी रामा राजू, पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी वदलामणि श्रीनिवास, पूर्व पीडब्लूसी ऑडिटर सुब्रमणि गोपालकृष्णन और टी श्रीनिवास, राजू के एक अन्य भाई बी सूर्यनारायण राजू, पूर्व कर्मचारियों जी रामकृष्ण, डी वेंकटपति राजू और श्रीसाईलम तथा सत्य के पूर्व आंतरिक मुख्य ऑडिटर वी एस प्रभाकर गुप्ता हैं.
आमदनी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने, खाता में हेरफर, फर्जी सावधि जमा के साथ ही विभिन्न आयकर कानूनों का उल्लंघन करने के सिलसिले में राजू और अन्य पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत गलत रिटर्न भरने, फर्जीवाड़ा, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और विश्वासघात का मामला दर्ज किया गया था.
फरवरी 2009 में सीबीआई ने जांच का जिम्मा संभाला और तीन आरोप पत्र (7 अप्रैल 2009, 24 नवंबर 2009 और 7 जनवरी 2010) दाखिल किया, जिसे बाद में एक साथ मिला दिया गया.