पठानकोट एयरबेस पर बीते दिनों आतंकी हमले से सबक लेते हुए रक्षा मंत्रालय ने पश्चिमी कमांड के सभी एयरबेस को हाई अलर्ट जारी किया है. यही नहीं मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि किसी भी एयरबेस पर बिना अधिकार किसी के भी प्रवेश पर सख्त पाबंदी लगा दी गई है, साथ ही ऐसे किसी भी व्यक्ति को देखते ही गोली मार देने के आदेश जारी किए गए हैं.
"Shoot on sight" order has been issued for unauthorised trespassers at western Command air-bases: MoD Sources
— ANI (@ANI_news) February 3, 2016
रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना पश्चिमी कमांड के 54-55 एयरबेस पर सुरक्षा चाक-चौबंद करने वाली है. इन एयरबेस पर रणनीतिक संपत्ति रखी हुई हैं. सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही इस ओर सेना और पारा मिलिट्री फोर्स के साथ नियमित अभ्यास के साथ ही क्विक रिएक्शन टीम बनाने की कवायद भी शुरू हो गई है.
All Western Command air-bases are on high alert: MoD Sources
— ANI (@ANI_news) February 3, 2016
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार पठानकोट से सीख लेते हुए बहुत जल्द सभी एयरबेस को सुरक्षित करने के साथ ही किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में जुट गई है.
IAF to provide protection to 54-55 large air bases which house strategic assets: MoD Sources
— ANI (@ANI_news) February 3, 2016
पठानकोट हमले में सात जवान हुए थे शहीद
गौरतलब है कि 2 जनवरी को तड़के 3:30 बजे पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के छह आतंकियों ने पठानकोट में आतंकी हमला किया था. इसमें सुरक्षाबलों के सात जवान शहीद हो गए थे, जबकि लंबे चले ऑपरेशन के बाद सभी छह आतंकियों को मार गिराया गया था. इस हमले के बाद एयरफोर्स चीफ और सरकार ने बयान दिया था कि आतंकियों के निशाने पर वायुसेना के जहाज, हथियार और बड़े अधिकारी थे.
6-8 हजार करोड़ का आएगा खर्च
भारतीय वायुसेना ने सभी एयरबेस की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए उच्च तकनीक वाले सुरक्षा उपकरणों की भी मांग की है. बताया जाता है कि इसके लिए वायुसेना की ओर से 6000 से 8000 करोड़ के खर्च का आकलन किया गया है. इसके अलावा गरुड़ कमांडो की 10 अतिरिक्त स्क्वाड्रनों तैनाती की जाएगी, जिनमें से हर में 1000 जवान होंगे. देशभर में वायुसेना उड़ान और गैर उड़ान वाले प्रतिष्ठानों की संख्या 950 है. बताया जाता है कि ये फैसले वायुसेना की ओर से हाल ही आयोजित एक सुरक्षा बैठक में किए गए हैं. इनमें एयरबेस के चारों ओर बिजली के कटीली तारों वाली बाड़ भी लगाई जाएगी.