ब्रिटिशकालीन भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी रही शिमला को ‘‘धूम्रपान रहित शहर’’ घोषित किया गया है.
राज्यस्तरीय गांधी जयंती समारोह में घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि केरल के कोट्टयम, चंडीगढ़ और सिक्किम के बाद शिमला चौथा शहर होगा जिसे ‘‘धूम्रपान रहित’’ घोषित किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘अगले वर्ष मई के अंत तक सभी जिला मुख्यालयों को धूम्रपान रहित बनाया जाएगा और नशीली दवाओं, शराब एवं धूम्रपान के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान और सभी शैक्षणिक संस्थानों के सौ गज की परिधि में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है. नाबालिगों को तंबाकू या तंबाकू उत्पाद बेचना तथा तंबाकू का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन अपराध है.
मुख्यमंत्री ने सभी जिला अस्पतालों में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की जहां पांच बिस्तर नशा छोड़ने वाले रोगियों के लिए आरक्षित होगा. यह सुविधा सिर्फ शिमला और टांडा के सरकारी चिकित्सा कालेजों में उपलब्ध है.