दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिए गए पूर्व नौकरशाह शाह फैसल ने अपनी नजरबंदी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने केन्द्र के अलावा फैसल की याचिका पर एयरपोर्ट ऑथोरिटी से भी अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.
फैसल ने अपनी अर्जी पर जल्द सुनवाई की कोर्ट से दर्खास्त की है. इसलिए कोर्ट ने सभी पक्षों को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए 2 दिन का समय दिया है. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 23 अगस्त तय की है.
शाह फैसल को 14 अगस्त को दिल्ली हवाई अड्डे से वापिस कश्मीर भेजकर श्रीनगर पहुंचने पर पीएसए (जन सुरक्षा अधिनियम) के तहत हिरासत में ले लिया गया था. शाह फैसल इस्तांबुल जाने वाले थे, लेकिन उन्हें दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था. शाह फैसल हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के खिलाफ हैं.
जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद शाह फैसल ने कहा था कि कश्मीर में अप्रत्याशित बंद चल रहा है और यहां की 80 लाख की आबादी कैद कर ली गई है, इससे पहले कश्मीर में ऐसा कभी नहीं हुआ.
जम्मू कश्मीर के पूर्व आईएएस अधिकारी फैसल ने अपने पद से इस्तीफा दे कर एक नई राजनीतिक पार्टी जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट गठित की है जिसके भी अध्यक्ष भी हैं.
शाह फैसल उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने आईएएस टॉप किया. जम्मू कश्मीर से आईएएस टॉप करने वाले वह पहले व्यक्ति थे, उस दौरान उनकी मुलाकात उस वक्त के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से भी हुई थी. इसी साल जनवरी में शाह फैसल ने जब अपने पद से इस्तीफा दिया तो कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने इसको लेकर मोदी सरकार पर सीधा निशाना साधा था.